सामान पैक, दूसरे घर में जाने को तैयार लेकिन...सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्या है पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ का रुख?
पूर्व CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सरकारी बंगला खाली करने में देरी की वजह बेटियों की गंभीर बीमारी बताई. नेमोलाइन मायोपैथी से पीड़ित दोनों बेटियों के लिए घर में ICU सेटअप जरूरी है. नया आवास तैयार नहीं है, किराए पर भी विकल्प नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द बंगला खाली करने के निर्देश दिए हैं.

खासतौर पर उनकी दो बेटियां, प्रियंका (16 वर्ष) और माही (14 वर्ष), नेमोलाइन मायोपैथी नामक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, जिसके चलते घर में ICU जैसे सुविधाजनक सेटअप की आवश्यकता है.
ICU की दिन-रात देखभाल जरूरी
जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार, बेटियों का विशेष ध्यान रखना होता है. उन्होंने बताया कि हर चीज में सुविधा देखनी होती है, जैसे व्हीलचेयर से बाथरूम के दरवाजे में आराम से पहुंच. उनकी एक बेटी ने शिमला में अचानक सांस की परेशानी शुरू होने के बाद ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब रखवाई थी. चंडीगढ़ में उनको 44 दिन तक ICU में रखा गया था. अभी भी रात में ट्यूब में बदलाव की ज़रूरत होती है. ऐसे में नए, फिनिश्ड घर में बिना उचित तैयारी के स्थानांतरित करना उचित नहीं लग रहा.
तीन मूर्ति मार्ग की नई सरकारी आवास में शिफ्टिंग
चंद्रचूड़ के पास वर्तमान में 5 कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित सरकारी टाइप‑8 बंगला है, जहां वे रह रहे हैं. उन्हें तीन मूर्ति मार्ग पर नया आवास आवंटित हुआ है, जिसे तैयार होने में समय लग रहा है. ठेकेदार ने जून तक कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया है. इसके बाद ही परिवार सुरक्षित रूप से शिफ्ट करेगा. उन्होंने बताया, “हमने सामान पैक कर लिया है, बस रोजमर्रा का सामान बाहर रखा है, जिसे ट्रक से नए घर ले जाएंगे. ऐसा फ़िनिशिंग के बाद करीब 10-15 दिन में होगा.”
किराए पर घर नहीं मिला, विकल्प सीमित
चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने तीन महीने के छोटे टेन्योरियल घर पर रहना चाहा. मगर इतने कम समय के लिए कोई घर किराए पर देने को तैयार नहीं मिला. इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से समय की मांग की थी, ताकि बेटियों की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार नया घर तैयार हो जाए.
कानूनी प्रावधानों के तहत विस्तार बेइनकार
नवंबर 2024 में रिटायर होने के बाद चंद्रचूड़ को टाइप‑7 आवास मिला था. लेकिन अप्रैल 2025 तक पुराने बंगले में रहने की अनुमति के लिए उन्होंने न्यायपालिका से आग्रह किया था. पहले सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना और बाद में जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने इस अनुरोध को स्वीकारा था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब केंद्र सरकार ने बंगला खाली कराने के निर्देश जारी किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश, प्रक्रिया शुरू
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चंद्रचूड़ को आवंटित बंगला खाली करना होगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने भी उन्हें नोटिस भेजा है. चंद्रचूड़ का कहना है कि इसमें देरी उनका किसी तरह का ठिकाना पालने का तर्क नहीं है, बल्कि बेटियों की सेहत और घर की खास तैयारी का मामला है.
परिवार की प्राथमिकता
चंद्रचूड़ स्पष्ट करते हैं कि उनके घर में ICU सेटअप, व्हीलचेयर-संवेदनशील सुविधा, और अन्य समायोजन केवल बेटियों की स्वास्थ्य-सुरक्षा और गरिमा को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं. इसलिए नया आवास तैयार होने तक शिफ्टिंग टालना उनकी प्राथमिकता है.


