ISS का मिशन पूरा कर भारत लौटे ग्रुप कैप्टन शुभाशुं शुक्ला, ढोल नगाड़ों से दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन पूरा कर भारत लौटे, दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और संसद में विशेष चर्चा होगी, उनका अनुभव गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और मानवयुक्त चंद्र मिशन को नई दिशा देगा.

भारत के गौरव और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने ऐतिहासिक मिशन को पूरा कर वतन लौट आए हैं. 15 जुलाई को कैलिफोर्निया तट के पास सफल स्प्लैशडाउन के बाद वे रविवार तड़के दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ, जहाँ परिवारजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. ढोल-नगाड़ों और तिरंगे के साथ भारत माता की जय के नारों से माहौल गूंज उठा.
अंतरिक्ष मिशन की सफलता
शुक्ला Axiom-4 मिशन के पायलट रहे, जिसे 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. 26 जून को यह मिशन सफलतापूर्वक आईएसएस से जुड़ा. शुक्ला ने पिछले एक वर्ष तक अमेरिका में नासा, स्पेसएक्स और एक्सियम की अत्याधुनिक सुविधाओं पर प्रशिक्षण प्राप्त किया. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीकी संचालन और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का गहन अनुभव अर्जित किया.
Union MoS for Science and Technology Jitendra Singh tweets, "A moment of pride for India! A moment of glory for ISRO! A moment of gratitude to the dispensation that facilitated this under the leadership of PM Narendra Modi. India’s Space glory touches the Indian soil… as the… pic.twitter.com/ZmfZyygKsc
— ANI (@ANI) August 16, 2025
भारत का अंतरिक्ष भविष्य
शुक्ला का यह अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान (2027) के लिए अमूल्य साबित होगा. इसके अतिरिक्त भारत ने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक मानवयुक्त चंद्र मिशन का लक्ष्य रखा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि शुक्ला की यह उपलब्धि भारतीय युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में नए सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी.
प्रधानमंत्री से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में शुक्ला की सराहना की थी. अब शुक्ला शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे और 23 अगस्त को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी ने उनसे आग्रह किया है कि वे अपने अनुभव और सीख को दस्तावेज़ रूप में साझा करें ताकि आगामी मिशनों को दिशा मिल सके.
संसद में विशेष चर्चा
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को लोकसभा में शुक्ला की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर विशेष चर्चा होगी. इसमें बताया जाएगा कि कैसे अंतरिक्ष कार्यक्रम भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देगा. इस चर्चा से देश के युवाओं और वैज्ञानिक समुदाय को अंतरिक्ष विज्ञान की नई संभावनाओं पर व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा.
सोशल मीडिया पर भावनात्मक संदेश
भारत लौटते समय शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया. उन्होंने लिखा कि वे मिश्रित भावनाओं से गुजर रहे हैं. अमेरिका में मिले दोस्तों और सहयोगियों से विदाई का दुख है, लेकिन अपने परिवार और देशवासियों से मिलने की खुशी अपार है. उन्होंने अपनी कमांडर पैगी व्हिट्सन का हवाला देते हुए लिखा कि अंतरिक्ष यात्रा में बदलाव ही स्थायी है, जीवन में भी यही सत्य है.
परिवार की खुशी
लखनऊ में रहने वाला शुक्ला का परिवार लॉन्च और लैंडिंग दोनों अवसरों पर मौजूद रहा. उनके पिता शंभु दयाल शुक्ला ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव का क्षण है. बेटे ने न सिर्फ सफल मिशन पूरा किया बल्कि भारत का नाम रोशन किया. अब हम उनसे मिलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.


