दिल्ली में खौफनाक प्रेम प्रसंग: पत्नी ने देवर के साथ नशीला पदार्थ देकर पति को बिजली से उतारा मौत के घाट
दिल्ली के द्वारका में एक महिला अपने देवर के साथ मिलकर पति को नशीला पदार्थ देकर बिजली से उतारा मौत के घाट उतार दी है. पुलिस अब इस रहस्यमयी मामले की गहराई से जांच कर रही है.

Delhi Electrocution Murder Case: दिल्ली पुलिस ने 13 जुलाई को द्वारका में बिजली का करंट लगने से हुई एक मौत को हत्या में बदलने की जांच शुरू की है. मृतक 36 वर्षीय करण देव को बेहोशी की हालत में उत्तम नगर स्थित माता रूपरानी मग्गो अस्पताल लाया गया, जहां अस्पताल ने मृत्यु का कारण ‘बिजली का झटका’ बताया और पुलिस को सूचना दी. प्रारंभ में यह दुर्घटना प्रतीत हुई, लेकिन घटनाक्रम में शामिल बातों ने नया मोड़ दे दिया है. पुलिस ने मृतक की पत्नी सुष्मिता देव और उनके चचेरे भाई राहुल को हत्या के संदेह में गिरफ्तार कर मामले की तहकीकात तेज कर दी है. शक की पुष्टि उस समय हुई जब करण के छोटे भाई कुणाल देव ने उन्हें पत्नी और राहुल के बीच हुई बात से अवगत कराया, जिसमें हत्या की साजिश की बात सामने आई थी
घटना या साजिश?
13 जुलाई को आते ही पुलिस को पता चला कि अस्पताल ने करण देव को बेहोशी की हालत में लाया था और उनका तुरंत मेडिकल–लीगल केस (MLC) दर्ज किया गया था. परिवार ने पोस्टमॉर्टम से मुकरने की गुजारिश की थी, लेकिन जवान आयु और संदिग्ध परिस्थितियों के मद्देनजर डीएनए अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ. इसके बाद जांच का रुख कथित हत्या की ओर मोड़ ले लिया.
चैट लॉग ने खोली हत्या की पोल
कुणाल देव ने पुलिस को साझा की गई चैट में हत्या की योजना स्पष्ट रूप से दर्ज थी. जांच में सामने आया कि सुष्मिता और राहुल ने करण को नींद की गोलियां दीं, जिससे वह बेहोश हो गया, फिर कथित तौर पर उस पर करंट देकर हत्या की गई.
घटना के बाद सुष्मिता अपने ससुराल वालों के पास पहुंची और बताया कि करण बेहोश हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन तब तक मृत्यु हो चुकी थी.
पक्राउ और हत्या का मामला दर्ज
देवीपति पर हत्या का मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या की सज़ा) के तहत दर्ज किया गया है. पत्नी और राहुल को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है
आगे की जांच के मुख्य बिंदु
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में घटना को करंट से मौत करार देना, लेकिन परिवार की शिकायत के बाद हत्या के बाद जांच तेज की गई. देवीपति पर हत्या का मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या की सजा) के तहत दर्ज किया गया है. पत्नी और राहुल को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है
यह मामला प्रेम त्रिकोण, विश्वासघात, और नफरत से प्रेरित साजिशों की ओर इशारा दिखाई दे रहा है. कुणाल देव द्वारा रिपोर्ट की गई बातचीत और पोस्टमॉर्टम की रिपोर्टों की वजह से एक संभावित दुर्घटना हत्या के मामले में बदल गई है. पुलिस अब इस परिवार और आरोपियों की सभी गतिविधियों की स्वतंत्र और गहराई से पड़ताल कर रही है. अगली सुनवाई में चर्चित चैट लॉग्स, पोस्टमॉर्टम निष्कर्ष और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की भूमिका अहम होगी.


