अमेरिका ने TRF को घोषित किया वैश्विक आतंकी संगठन, चीन ने भी किया समर्थन
18 जुलाई, 2025 को, अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकवादी समूह घोषित किए जाने के बाद, चीन ने आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहयोग का आह्वान किया.

चीन ने दुनिया के सभी देशों से अपील की है कि वे क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाएं. यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है.
पहलगाम आतंकी हमले पर बोला चीन
आपको बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को कहा, “चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का कड़ा विरोध करता है और 22 अप्रैल को भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करता है.” यह बयान तब आया जब उनसे अमेरिका द्वारा टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगी गई. उन्होंने आगे कहा,“चीन चाहता है कि सभी देश आतंकवाद से मिलकर लड़ें और मिलकर क्षेत्रीय शांति बनाए रखें.”
TRF घोषित हुआ आतंकवादी संगठन
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा कि टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने का कदम डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा है. यह पहलगाम हमले में न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम बताया गया.
पहलगाम हमला में TRF की भूमिका
दरअसल, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी. बता दें कि टीआरएफ, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक हिस्सा है. हालांकि, बाद में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए टीआरएफ ने अपना बयान वापस ले लिया था.
भारत ने किया ‘ऑपरेशन सिंदूर’
वहींं, इस हमले के बाद भारत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए 6से 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर किया. भारतीय सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी संगठनों को निशाना बनाकर उसे मिट्टी में मिला दिया.
आतंकी संगठनों पर पहले से हैं प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहले से ही पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों और व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर रखा है. इसमें शामिल हैं...
लश्कर-ए-तैयबा
जैश-ए-मोहम्मद
जमात-उद-दावा
हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक)
मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख)
संयुक्त राष्ट्र ने की हमले की निंदा, लेकिन
पहलगाम हमले के बाद 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर इस आतंकवादी घटना की निंदा की थी. लेकिन, पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों के बाद, उस बयान से टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के नाम हटा दिए गए थे.
चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर अब वैश्विक ज़ोर दिया जा रहा है.


