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RSS का नाम, लैटरहेड पर पीएम मोदी की फोटो, छांगुर बाबा ऐसे करता था लोगों को गुमराह

उत्तर प्रदेश एटीएस और एसटीएफ ने छांगुर बाबा के नेतृत्व में बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया. विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी केंद्र बनाने की साजिश का खुलासा हुआ. पीएम मोदी की तस्वीर का गलत इस्तेमाल कर फर्जी संगठन चलाया गया. आरोपी हिरासत में हैं और जांच जारी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

उत्तर प्रदेश की एटीएस और एसटीएफ ने एक बड़े और संगठित धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया गया है. जांच एजेंसियां लगातार इस फर्जी बाबा और उसके साथियों के खिलाफ गहराई से जांच कर रही हैं. छांगुर बाबा ने खुद को एक संदिग्ध संगठन से जुड़ा वरिष्ठ पदाधिकारी बताया और अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को धोखे में रखा.

पीएम मोदी की फोटो का इस्तेमाल

जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा ने खुद को "भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ" नामक संस्था का अवध प्रांत महासचिव बताया. इस संस्था का संचालन एक अन्य आरोपी ईदुल इस्लाम करता था. दोनों आरोपियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाला लेटरहेड इस्तेमाल करके अपने दावे को वैध और प्रभावशाली दिखाने की कोशिश की. उन्होंने आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों का नाम लेकर खुद को एक मान्यता प्राप्त संगठन का हिस्सा बताया.

नागपुर में भी फर्जी सेंटर

"भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ" नाम की इस संस्था ने नागपुर में भी एक फर्जी सेंटर खोल रखा था, जिससे यह पता चलता है कि यह रैकेट अपने आप को आरएसएस से संबंधित दिखाकर लोगों को भ्रमित कर रहा था. नागपुर आरएसएस का मुख्यालय होने के कारण इस जगह पर केंद्र खोलना रैकेट की रणनीति का हिस्सा था.

विदेशी फंडिंग से आतंकी प्रशिक्षण केंद्र की योजना

एटीएस की एफआईआर के अनुसार, छांगुर बाबा ने पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग हासिल की थी. इसके जरिए वह आतंकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा था. जांच में यह भी पता चला है कि 22 बैंक खातों के माध्यम से 60 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया.

ईडी की जांच से जुड़े कई अहम तथ्य

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा के पास उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं. इनमें से कई सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाई गई हैं. मुंबई में ‘रनवाल ग्रीन्स’ नाम की एक संपत्ति संदिग्ध तरीके से खरीदी गई है. इसके अलावा, बाबा का पनामा स्थित कंपनी ‘Logos Marine’ से भी संबंध पाया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फंडिंग की पुष्टि करता है.

गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज

अभी छांगुर बाबा हिरासत में है और उसकी भूमिका की संयुक्त जांच एटीएस, एसटीएफ और ईडी कर रही हैं. आरोपों में धार्मिक भावना को आहत करने, आतंकी साजिश रचने, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं. जांच पूरी होने के बाद और भी खुलासे होने की उम्मीद है.

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19 July 2025, 02:45 PM IST

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