पंजाब की जेलों में खत्म होगा गैंगस्टर राज, सरकार ने तैनात किए 18 वरिष्ठ अधिकारी
पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में बढ़ते अपराध, नशे और गैंगस्टर गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है. सरकार ने 18 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रमोट करके जेल विभाग में नई जिम्मेदारियों के साथ तैनात किया है. इस कदम का मकसद जेलों में अनुशासन बहाल करना, सुरक्षा बढ़ाना और अपराधों पर पूरी तरह से रोक लगाना है.

पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में लगातार बढ़ रहे अपराध, नशे और गैंगस्टर गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने 18 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रमोशन देकर जेल विभाग में अहम जिम्मेदारियों के साथ तैनात किया है. इस तैनाती का मकसद जेलों में सख्ती बढ़ाना, अनुशासन बहाल करना और कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है.
इन नियुक्तियों के जरिए सरकार यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि अब जेलें अपराधियों की शरणस्थली नहीं, बल्कि सुधार गृह बनेंगी. जेलों में मोबाइल, नशे के सामान और गैंग ऑपरेशन जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी है. आइए जानें इस फैसले के अहम बिंदु:
1. जेलों में सख्ती लागू करने की तैयारी
पंजाब की जेलों में नशे, अपराध और गैंगस्टर गतिविधियों के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी थी. इसी के मद्देनजर अब सख्ती के साथ 18 अधिकारियों को प्रमोट कर जेलों में तैनात किया गया है. इन अधिकारियों को जेल प्रबंधन, सुरक्षा और अनुशासन का जिम्मा सौंपा गया है. सरकार चाहती है कि जेलें सुधार के केंद्र बनें, न कि अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह.
2. तीन AIG को DIG रैंक में प्रमोट कर सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
मनमोहन कुमार, सतबीर सिंह और दलजीत सिंह को AIG से प्रमोट कर DIG बनाया गया है. इन्हें प्रमुख जेलों की कमान सौंपी गई है, जहां वे व्यवस्थाओं को सुधारने और सीधे निगरानी रखने का काम करेंगे. सरकार का मानना है कि वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी से जेलों में अनुशासन और डर का माहौल बनेगा.
3. पांच SP बने जेल अधीक्षक
राज्य के पांच SP रैंक के अधिकारियों अजे राज सिंह, गगनेश कुमार, प्रदीप संधू, मुख्तियार राय और सिमरनजीत सिंह—को प्रमोशन देकर जेल अधीक्षक बनाया गया है. अब ये अधिकारी सीधे तौर पर जेल प्रबंधन संभालेंगे और नियमों के अनुपालन की निगरानी करेंगे. सरकार ने इन पर पूरा भरोसा जताया है.
4. दस इंस्पेक्टर बने डिप्टी सुपरिटेंडेंट
दस इंस्पेक्टरों को डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल (ग्रेड-2) के रूप में प्रमोट किया गया है, जिनमें तीन महिलाएं (आशा रानी, सिमरनप्रीत कौर और मनजीत कौर) भी शामिल हैं. इनकी नियुक्ति महिला जेलों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिहाज़ से अहम मानी जा रही है. इससे महिला कैदियों की निगरानी और सुरक्षा बेहतर होगी.
5. रणनीतिक तैनाती से होगी व्यवस्था मजबूत
सरकार ने सभी अधिकारियों की नियुक्ति रणनीतिक ढंग से की है. हर अधिकारी को विशेष जिम्मेदारी दी गई है, ताकि वह अपनी तैनाती वाली जेल में अनुशासन लागू कर सके. यह पहल जेल सुधार के लिए सरकार की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है.
6. गैर-कानूनी गतिविधियों पर रोक का संकल्प
सरकार का स्पष्ट इरादा है कि अब जेलों में मोबाइल फोन, ड्रग्स और गैंगस्टर कनेक्शन जैसी अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगे. अधिकारियों को सख्त निगरानी और तुरंत कार्रवाई की हिदायत दी गई है. हर जेल में अब सुरक्षा और अनुशासन का स्तर और बढ़ाया जाएगा.
7. अब जेल में अनुशासन ही सर्वोपरी
इस बड़े फैसले के जरिए सरकार ने साफ कर दिया है कि अब जेलों में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी तैनाती से सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं. पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि जेलों में अनुशासन, भय और सुधार तीनों साथ-साथ हों. यह कदम पंजाब की जेल प्रणाली को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकता है.


