मुगल हरम में कैसे होता था तय, बादशाह के साथ कौन गुजारेगा रात
Mughal Harem: मुगल साम्राज्य के हरम हमेशा से ही रहस्य, वैभव और सत्ता की राजनीति का केंद्र रहे हैं. इतिहास के अनुसार, हरम में हजारों महिलाएं होती थीं, लेकिन बादशाह के करीब जाने का मौका सिर्फ कुछ खास महिलाओं को ही मिलता था. सवाल यह है कि इतने बड़े हरम में यह कैसे तय होता था कि बादशाह रात किसके साथ बिताएंगे?

Mughal Harem: मुगल साम्राज्य के हरम हमेशा से ही रहस्य और आकर्षण का विषय रहे हैं. इतिहास के पन्नों में दर्ज विवरणों के अनुसार, हरम एक ऐसा स्थान था, जहां हजारों महिलाएं रहती थीं, लेकिन उनमें से सिर्फ गिनी-चुनी को ही बादशाह के बादशाह के करीब जाने का मौका मिलता था. हरम के नियम कठोर होते थे, और यहां रहने वाली महिलाएं चाहरदीवारी के भीतर ही अपना जीवन व्यतीत करने को बाध्य थीं.
इतिहासकारों के अनुसार, हरम सिर्फ एक भोग-विलास का स्थान नहीं था, बल्कि यह बादशाह की निजी दुनिया थी, जहां प्रवेश करने की अनुमति सिर्फ सम्राट को थी. यहां नाच-गाने, संगीत और मनोरंजन का विशेष प्रबंध किया जाता था. लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े हरम में यह तय कैसे होता था कि बादशाह की रात किसके साथ गुजरेगी?
हरम का विशेष प्रोटोकॉल
मुगल हरम के नियम अत्यंत जटिल और गोपनीय होते थे. हरम किले के एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थित होता था, जहां केवल बादशाह ही प्रवेश कर सकता था. इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा है कि अकबर के हरम में 5000 से अधिक महिलाएं थीं, लेकिन इनमें से बहुत कम को ही सम्राट के करीब जाने का अवसर मिलता था.
बादशाह का चयन कैसे होता था?
डच व्यापारी फ्रांसिस्को, जो जहांगीर के शासनकाल में भारत आए थे, उन्होंने अपने लेखन में उल्लेख किया है कि यह पूरी तरह से बादशाह की इच्छा पर निर्भर करता था कि वह रात किसके साथ बिताएंगे. वह अपनी बेगम, किसी कनीज या अन्य किसी महिला को चुन सकते थे. उनके इस निर्णय को चुनौती देना असंभव था.
हरम में जीवन और महिलाओं की सीमाएं
हरम में रहने वाली महिलाओं को बाहरी दुनिया से पूरी तरह काट दिया जाता था. यहां तक कि रानियां भी बादशाह की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकती थीं. यदि कोई महिला हरम से भागने की कोशिश करती थी, तो उसे मौत की सजा दी जाती थी.
हरम में प्रतिस्पर्धा और ईर्ष्या
हरम में महिलाओं के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा होती थी. यदि किसी कनीज को बादशाह की विशेष कृपा प्राप्त होती थी, तो अन्य रानियों को यह सहन नहीं होता था. कई बार, रानियां उन कनीजों को गायब करा देती थीं, ताकि बादशाह दोबारा उन्हें न बुलाएं.
हरम की सुरक्षा व्यवस्था
हरम की सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों को दी जाती थी. इसका उद्देश्य यह था कि किसी भी बाहरी पुरुष की नजर हरम की महिलाओं पर न पड़े. हालांकि, स्वयं किन्नरों को भी हरम के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं थी.
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