रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं लूंगा... CJI बी.आर गवई ने बताया आगे का प्लान
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने सेवानिवृत्ति के बाद कोई सरकारी पद स्वीकार न करने का संकल्प लिया है. उन्होंने राजनीति में शामिल होने से भी इनकार किया है, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और जनता का विश्वास बना रहे. गवई ने महाराष्ट्र के दारापुर में अपने पैतृक गांव में ज्यादा समय बिताने की इच्छा जताई. उन्होंने अमरावती में नए न्यायालय भवन का उद्घाटन भी किया और न्यायिक सुविधाओं को बेहतर बनाने का संकल्प व्यक्त किया.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपनी सेवानिवृत्ति के बाद कोई सरकारी या अन्य पद स्वीकार नहीं करेंगे. यह बात उन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अपने पैतृक गांव दारापुर में आयोजित अभिनंदन समारोह में कही. सीजेआई ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें अधिक समय मिलेगा और वे अपने गांव दारापुर, अमरावती और नागपुर में ज्यादा समय बिताना चाहते हैं.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने का संकल्प
सोशल मीडिया और न्यायपालिका के संबंध पर विचार
सीजेआई गवई ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर भी अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे खुद सोशल मीडिया का अनुसरण नहीं करते, लेकिन न्यायाधीशों को सिर्फ अपने घरों में बैठकर फैसले नहीं सुनाने चाहिए. न्यायपालिका को आम आदमी के मुद्दों को समझना आवश्यक है ताकि न्याय की प्रक्रिया प्रभावी और पारदर्शी बनी रहे.
रिटायरमेंट कब होगा और गांव में हुआ भव्य स्वागत
जस्टिस बी. आर. गवई इस साल नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे. गांव में पहुंचते ही वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और उन्होंने प्रधान न्यायाधीश का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने अपने पिता, पूर्व राज्यपाल आर एस गवई के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके पुण्यतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लिया. साथ ही दारापुर के रास्ते पर एक भव्य द्वार की आधारशिला भी रखी, जो उनके पिता के नाम पर बनाया जाएगा.
अमरावती में नए न्यायालय भवन का उद्घाटन
सीजेआई गवई ने अमरावती जिले के दरियापुर कस्बे में एक नए न्यायालय भवन का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा, अगले दिन वे अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय में स्वर्गीय टीआर गिल्डा स्मारक ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन करेंगे. ये कदम न्यायिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है.
इस प्रकार, सीजेआई बी. आर. गवई ने अपनी प्रतिबद्धता जताई है कि वे न्यायपालिका की गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए रिटायरमेंट के बाद राजनीति या किसी अन्य पद में नहीं जाएंगे और अपने निवास स्थान पर रहकर समाज सेवा में अपना योगदान देंगे.


