देशभक्ति के रंग में रंगा शिमला, गर्व और सम्मान के साथ मनाया गया कारगिल विजय दिवस
शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड में 25 से 27 जुलाई 2025 तक कारगिल विजय दिवस बड़ी श्रद्धा और जोश के साथ मनाया गया. कार्यक्रम में फोटो प्रदर्शनी, देशभक्ति संगीत और वीर सैनिकों का सम्मान हुआ. लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने इसका उद्घाटन किया. युद्ध की झलक दिखाने वाले वीडियो ने लोगों को भावुक किया. यह आयोजन सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करने का प्रेरणादायक क्षण बना.

हाइलाइट
शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड के मुख्यालय ने 25 से 27 जुलाई 2025 तक 'कारगिल विजय दिवस' बड़े उत्साह और देशभक्ति के जोश के साथ मनाया. यह आयोजन कारगिल युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय की 26वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता है. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा (पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम), जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, आर्मी ट्रेनिंग कमांड द्वारा अत्यंत गरिमामय वातावरण में किया गया.
वीरों को समर्पित प्रदर्शनी और संगीत कार्यक्रम
ऑपरेशन सिंदूर और विजय की झलकियां
पूरे आयोजन के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'कारगिल विजय दिवस' पर आधारित प्रभावशाली वीडियो क्लिप्स भी दिखाई गईं. इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को युद्ध की कठिन परिस्थितियों, सैनिकों की चुनौतियों और वीरता से भरे क्षणों से रूबरू कराया. यह प्रस्तुतीकरण वीर जवानों के अदम्य साहस और देश के प्रति उनके समर्पण को श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत किया गया.
जनसामान्य और छात्रों की भावनात्मक भागीदारी
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक, स्कूल-कॉलेजों के छात्र, एनसीसी कैडेट्स और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया. उनकी उपस्थिति ने यह दर्शाया कि देश की सेना के प्रति सम्मान और कृतज्ञता केवल सीमित वर्गों तक नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में गहराई से व्याप्त है.
कारगिल वीरों का सम्मान समारोह रहा मुख्य आकर्षण
इस आयोजन का सबसे भावुक क्षण वह था जब कारगिल युद्ध के वीरों को मंच पर सम्मानित किया गया. इन बहादुर सैनिकों को उनकी वीरता और सेवा के लिए सार्वजनिक रूप से सराहा गया, जिससे उपस्थित युवाओं को देशसेवा की प्रेरणा मिली और देशभक्ति का संदेश मजबूती से पहुंचा.
भारत की वीर सेना को समर्पित एक गौरवपूर्ण दिन
कारगिल विजय दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि भारतीय सेना की अडिग इच्छाशक्ति, वीरता और देशभक्ति का प्रतीक है. आर्मी ट्रेनिंग कमांड ने इस दिन की गरिमा को बनाए रखते हुए यह संदेश दिया कि वे कारगिल के नायकों की परंपरा, साहस और मूल्यों को हमेशा जीवित रखेंगे. यह आयोजन न केवल अतीत की याद दिलाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशप्रेम और समर्पण का मार्ग दिखाता है.


