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भारत की सीमा में घुसना अब नामुमकिन! जानिए चार-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत

भारत की हवाई सीमाएं अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं, क्योंकि देश के पास चार-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद है. इसमें बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (PAD और AAD), रूस से मिला S-400 ट्रायम्फ, इजरायल के साथ विकसित बराक-8, स्पाइडर और स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम शामिल हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. ऐसे में पाकिस्तान बार-बार मिसाइल और परमाणु हथियारों की धमकी देकर युद्ध का माहौल बनाना चाहता है. लेकिन सच्चाई ये है कि भारत की हवाई सीमाएं इतनी मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत हैं कि पाकिस्तान की कोई भी मिसाइल देश की सरहद पार नहीं कर सकती. भारत ने अपने एयर डिफेंस को इतना सशक्त बना लिया है कि दुश्मन की मिसाइलें देश में घुसने से पहले ही ध्वस्त हो जाएंगी.

भारत की वायु रक्षा प्रणाली चार स्तरों में बंटी हुई है, जो न सिर्फ मिसाइल हमलों को रोक सकती है बल्कि दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को भी हवा में ही खत्म कर सकती है. आइए जानते हैं इस चार-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत और उसमें शामिल प्रमुख हथियारों के बारे में.

बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD)

कारगिल युद्ध के बाद भारत ने बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए अपना खुद का डिफेंस सिस्टम विकसित करना शुरू किया. इस प्रणाली में दो प्रमुख रक्षा कवच शामिल हैं.

PAD (Prithvi Air Defence): उच्च ऊंचाई पर मिसाइलों को रोकने में सक्षम.

AAD (Advanced Air Defence): कम ऊंचाई पर मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने वाला सिस्टम.

यह प्रणाली पाकिस्तान और चीन की ओर से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करने में बेहद कारगर है.

S-400 ट्रायम्फ – रूस की घातक तकनीक

भारत ने रूस से अत्याधुनिक S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है, जिसे दुनिया का सबसे घातक एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है.

यह सिस्टम दुश्मन की मिसाइलों, जेट विमानों और ड्रोन्स को 400 किलोमीटर दूर से ही पहचान कर खत्म कर सकता है.
 यह 40,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ने वाले किसी भी लक्ष्य को हवा में ही तबाह कर सकता है.
 इसे देश के किसी भी हिस्से में तुरंत तैनात किया जा सकता है.

भारत-इजरायल की संयुक्त ताकत

भारत ने इजरायल के साथ मिलकर बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम तैयार किया है. यह समुद्र और जमीन दोनों स्थानों पर तैनात किया जा सकता है. यह सिस्टम एंटी-शिप मिसाइल, यूएवी, क्रूज मिसाइल और हेलीकॉप्टर जैसे कई हवाई खतरों को नष्ट कर सकता है. यह भारतीय नौसेना और वायुसेना दोनों के लिए रक्षा कवच का काम करता है.

स्पाइडर एयर डिफेंस सिस्टम: यह 20 से 80 किमी की दूरी तक आने वाले किसी भी खतरे को खत्म कर सकता है. इसमें लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और अन्य हवाई हथियार शामिल हैं. यह इजरायल से आयातित है और पिछले 15 वर्षों से भारतीय रक्षा प्रणाली का हिस्सा है.

आकाश मिसाइल सिस्टम: यह स्वदेशी तकनीक से बना हुआ माध्यम दूरी तक मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. यह 30 किमी दूर और 18,000 मीटर ऊंचाई तक हवाई लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है. यह भारत की थल सेना और वायुसेना में सफलतापूर्वक तैनात है. इसकी खासियत यह है कि यह क्रूज, बैलिस्टिक और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को भी रोक सकता है.

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03 May 2025, 04:26 PM IST

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