पहलगाम हमले के बाद अलर्ट मोड पर वायुसेना, 'एक्सरसाइज आक्रमण' में राफेल ने दिखाया पावर, पहाड़ी और जमीनी ठिकानों पर ड्रिल
Exercise Aakraman: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने अपनी आक्रामक तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए 'एक्सरसाइज आक्रमण' नामक बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया. इस अभ्यास में राफेल लड़ाकू विमानों ने मध्य भारत के आकाश में गर्जना करते हुए पर्वतीय और जमीनी ठिकानों पर मॉक अटैक किए.

Exercise Aakraman: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना पूरी तरह सतर्क हो गई है. इसी क्रम में वायुसेना ने एक बड़ा सैन्य अभ्यास 'एक्सरसाइज आक्रमण' आयोजित किया, जिसका उद्देश्य वास्तविक युद्ध जैसे हालात में लड़ाकू विमानों की तैयारियों को परखना और गहरे हमलों की क्षमता को और सशक्त बनाना है.
इस अभ्यास के दौरान वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों ने सेंट्रल सेक्टर के आसमान में गरजते हुए पर्वतीय और जमीनी ठिकानों पर हमले की नकली ड्रिल की. युद्ध-यथार्थवादी परिदृश्य में किया गया यह अभ्यास देश की रक्षा क्षमताओं का सशक्त प्रदर्शन है.
सेंट्रल सेक्टर में हुआ युद्धाभ्यास
भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को सेंट्रल सेक्टर के एक बड़े क्षेत्र में ‘एक्सरसाइज आक्रमण’ के तहत बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया. इस अभ्यास में राफेल के नेतृत्व में वायुसेना के मुख्यधारा के लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े ने भाग लिया. अभ्यास का मूल उद्देश्य कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में वायुसेना की आक्रामक क्षमताओं को परखना और उन्हें सुदृढ़ करना था.
नकली हमलों और गहरे मिशनों की ड्रिल
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में चल रहे इस अभ्यास में लंबी दूरी की स्ट्राइक मिशन और दुश्मन के ठिकानों पर मॉक अटैक शामिल हैं. इस अभ्यास के तहत पूर्वी सेक्टर से प्रमुख सैन्य संसाधनों को पुनः तैनात किया गया है. 'आक्रमण' नाम से आयोजित यह युद्धाभ्यास वायुसेना की गहरी मारक क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है.
नौतीपूर्ण मिशनों के लिए किया जा रहा तैयार
इस अभ्यास का लक्ष्य वायुसेना के पायलटों को युद्ध जैसे वास्तविक परिदृश्यों में प्रशिक्षण देना है. इसमें ऐसे मिशन भी शामिल हैं, जो उच्च-तीव्रता वाले संघर्षों के वातावरण की नकल करते हैं. पायलटों को इस अभ्यास के माध्यम से अत्यधिक चुनौतीपूर्ण मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है.
उन्नत तकनीकों से लैस लड़ाकू विमानों की तैनाती
समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया, "अत्याधुनिक तकनीक से लैस फाइटर जेट्स जमीनी हमलों और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशनों को अंजाम दे रहे हैं." इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के विमानों को देश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर पूर्वी भारत के एयरबेसों से स्थानांतरित किया गया है.
टॉप गन पायलटों की भागीदारी
इस अभ्यास में वायुसेना के श्रेष्ठ पायलट जिन्हें टॉप गन भी कहा जाता है भाग ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, ये पायलट लंबी दूरी की उड़ान भरते हुए दूरवर्ती लक्ष्यों पर सटीक बमबारी का अभ्यास कर रहे हैं. यह कवायद भारत की डीप-स्ट्राइक रणनीतियों को और सशक्त बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है.
वरिष्ठ नेतृत्व की कड़ी निगरानी
इस पूरे अभ्यास पर वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की कड़ी नजर है. सूत्रों का कहना है कि आने वाले महीनों में इस तरह के और भी अभ्यास आयोजित किए जाएंगे ताकि सेना की तत्परता और आक्रामक क्षमताओं को निरंतर परखा जा सके.
राफेल स्क्वाड्रनों की तैनाती
भारतीय वायुसेना ने इस अभ्यास के लिए दो राफेल स्क्वाड्रन तैनात किए हैं – एक अंबाला (पंजाब) में और दूसरा हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में. यह अभ्यास ऐसे समय में किया गया है, जब पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.


