सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक... भारतीय सेना ने मनाया योग दिवस, ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ का दिया मंत्र
International Yoga Day 2025: भारतीय सेना ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश और दुनिया में भव्य योग सत्रों का आयोजन कर अनुशासन, फिटनेस और मानसिक संतुलन का अद्भुत उदाहरण पेश किया. सियाचिन, पोर्ट ब्लेयर, किबिथू से लेकर कच्छ तक और विदेशी मोर्चों पर भी जवानों ने योग कर भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रदर्शन किया.

International Yoga Day 2025:11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने पूरे जोश और अनुशासन के साथ देशभर में योग अभ्यास कर यह साबित कर दिया कि वह केवल सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं करती, बल्कि मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संतुलन की भी मिसाल पेश करती है. भारत के हर कोने उत्तर के सियाचिन ग्लेशियर और पैंगोंग त्सो के बर्फीले किनारों से लेकर दक्षिण के पोर्ट ब्लेयर के तटों तक, और पूरब के अरुणाचल के किबिथू से लेकर पश्चिम के कच्छ के रण तक भारतीय सैनिकों ने एकजुट होकर योग किया.
इस मौके पर भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने योग को सैनिकों की युद्ध तैयारी और तनाव प्रबंधन में एक जरूरी साधन बताया.
उधमपुर में हुआ विशेष आयोजन
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ आसन नहीं, बल्कि आत्मबल और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक है.
3,400 से अधिक प्रतिभागियों ने किया योग
राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित करिअप्पा परेड ग्राउंड में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने जवानों और उनके परिवारों के साथ योग किया. इस योग सत्र में 25 देशों के डिफेंस अटैशे, एनसीसी कैडेट्स, स्कूली बच्चे और आर्मी फैमिली के सदस्य शामिल हुए. कुल 3,400 से ज्यादा लोगों ने एक साथ योग कर भारत की प्राचीन परंपरा को श्रद्धांजलि दी.
दुनिया भर में भारतीय सैनिकों ने बढ़ाया देश का मान
केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में तैनात भारतीय सैनिकों ने भी योग दिवस को पूरे समर्पण के साथ मनाया. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में तैनात सैनिकों और विभिन्न देशों में स्थित भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीमों ने भी योग सत्र आयोजित किए. मंगोलिया में "Exercise Khan Quest" और फ्रांस में "Exercise Shakti" के दौरान भारतीय सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के साथ मिलकर सामूहिक योग किया. इससे भारत की सांस्कृतिक शक्ति और वैश्विक ‘वेलनेस डिप्लोमेसी’ को नई पहचान मिली.
'योगः कर्मसु कौशलम्' मंत्र का दिया संदेश
भारतीय सेना के हर जवान ने योग दिवस पर यह संदेश दिया कि “योगः कर्मसु कौशलम्” सिर्फ एक श्लोक नहीं, बल्कि उनके जीवन का सिद्धांत है. चाहे वह बर्फीली चोटियां हों या समुद्री तट, रेगिस्तान हो या अंतरराष्ट्रीय मोर्चा सेना योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बना रही है.


