भारतीय नौसेना को मिला स्वदेशी जहाज INS इक्षक, हेलीकाप्टर डेक से लेकर मिलेंगी ये सुविधाएं
14 अगस्त 2025 को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने भारतीय नौसेना को तीसरा “सर्वे वेसल लार्ज” (SVL) जहाज इक्षक (Ikshak) सौंपा. यह ग्रेजन रीच द्वारा डिज़ाइन किया गया 102वां युद्धपोत है. 3,400 टन विस्थापन और 110 मीटर लंबाई वाले इस जहाज में अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरण, हेलीकाप्टर डेक और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में 80 % स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है.

भारतीय नौसेना को 14 अगस्त 2025 को एक और शक्तिशाली हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत 'इक्षक' (Yard 3027) सौंपा गया. यह भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया 102वां जहाज है. इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा किया गया है और युद्धपोत निरीक्षण दल (कोलकाता) इसकी निगरानी कर रहा है.
यह 'सर्वे वेसल लार्ज' (SVL) श्रृंखला का तीसरा पोत है. इससे पहले INS संध्याक को 3 फरवरी 2024 और INS निर्देशक को 18 दिसंबर 2024 को नौसेना में शामिल किया गया था. चार SVL जहाजों के निर्माण के लिए समझौते पर 30 अक्टूबर 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे.
निर्माण और तकनीकी विशेषताएं
इक्षक का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर (IRS) के नियमों के अनुसार किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य तटीय और गहरे समुद्री क्षेत्रों का विस्तृत हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है. इसके जरिए बंदरगाहों, नौवहन मार्गों और समुद्री चैनलों की सटीक मैपिंग की जाती है. इसके अलावा, यह जहाज समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा को रक्षा और नागरिक जरूरतों के लिए एकत्र करता है.
यह जहाज लगभग 3,400 टन का विस्थापन रखता है और इसकी कुल लंबाई 110 मीटर है. इसमें कई अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं, जैसे –
- डेटा अधिग्रहण और प्रोसेसिंग सिस्टम
- स्वायत्त जल के नीचे चलने वाले वाहन (AUV)
- दूर से संचालित वाहन (ROV)
- डिजिटल साइड स्कैन सोनार
- DGPS आधारित लंबी दूरी पोजिशनिंग सिस्टम
यह जहाज दो डीजल इंजनों से चलता है और 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त कर सकता है.
6 अगस्त 2021 को शुरू हुआ था निर्माण
'इक्षक' की कील 6 अगस्त 2021 को रखी गई थी और इसे 26 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया था. नौसेना को सौंपे जाने से पहले, इसने बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों की एक लंबी प्रक्रिया पूरी की है ताकि इसकी तकनीकी दक्षता सुनिश्चित की जा सके.
आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
इक्षक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी कुल लागत का 80% से अधिक हिस्सा स्वदेशी सामग्री से बना है. यह भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस परियोजना में MSME और भारतीय उद्योग की अहम भागीदारी रही है, जो देश की समुद्री शक्ति को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करती है.
महिलाओं के लिए विशेष सुविधा
इक्षक ऐसा पहला SVL जहाज है जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए अलग आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. यह भारतीय नौसेना में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक प्रगतिशील कदम है.


