पाकिस्तान को सबक सिखाने का यह सबसे अच्छा समय? 5 बिंदुओं में समझें
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान तनाव की स्थिति में है. भारत कहां से हमला करेगा? वे भी इसी दुविधा में हैं. भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का यह सबसे अच्छा समय क्यों है? इसे पांच बिंदुओं से समझें.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में क्या होगा? यह चर्चा दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक चल रही है. इन चर्चाओं के अलावा 5 अन्य तथ्य भी हैं, जिनके अनुसार पाकिस्तान को सबक सिखाने का यह बेहतरीन मौका है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकवादी संगठन का सीधा संबंध पाकिस्तान से है. सीमा पार छिपे आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए भारत क्या करेगा? यह एक चर्चा है.
पहला बिंदु
पाकिस्तान में शाहबाज शरीफ नाम के एक प्रधानमंत्री हैं. लेकिन उनके हाथ में कुछ भी नहीं है. चूंकि वहां गठबंधन सरकार है, इसलिए बिलावल भुट्टो की पार्टी लगातार सरकार को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश कर रही है. आईएमएफ के निर्देशों के कारण शाहबाज अपनी पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर सकते. पाकिस्तान ने आईएमएफ से बड़ा ऋण लिया है. इसलिए पाकिस्तान भी उनके सुझावों को नजरअंदाज नहीं कर सकता.
दूसरा बिंदु
पाकिस्तान में आन्तरिक गृहयुद्ध चल रहा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने खैबर-पख्तूनख्वा में तबाही मचा दी है. टीटीपी को अफगान तालिबान का समर्थन प्राप्त है. पाकिस्तान के दावे के अनुसार, टीटीपी को संयुक्त राज्य अमेरिका से हथियार मिल रहे हैं. टीटीपी आतंकवादी दिनदहाड़े पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर रहे हैं.
तीसरा बिंदु
बलूचिस्तान में विद्रोही संगठन पाकिस्तान की जड़ों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं. वे लगातार पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहे हैं. तीसरी तरफ इमरान खान की पार्टी सरकार और सेना को चुनौती दे रही है. इमरान खान सेना के खिलाफ होने के कारण अदियाला जेल में हैं.
चौथा बिंदु
जनता का पाकिस्तानी सेना पर से विश्वास उठ गया है. पाकिस्तानी सेना वहां बलपूर्वक सत्ता पर काबिज है. 2024 में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला कि 26 प्रतिशत लोगों ने सीधे तौर पर कहा था कि जनता को पाकिस्तानी सेना पर भरोसा नहीं है.
पांचवां बिंदु
अब तक पाकिस्तान को चीन और अमेरिका जैसे देशों से हथियार और अन्य रक्षा उपकरण मिलते रहे हैं. वर्तमान में ये दोनों देश एक दूसरे के साथ मतभेद में हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका ने सीधे तौर पर कहा है कि वह किसी भी देश की मदद नहीं करेगा. चीन का ताइवान, जापान और फिलीपींस के साथ विवाद चल रहा है. इसलिए अगर कल युद्ध छिड़ता है तो ये दोनों देश सीधे तौर पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेंगे. चीन भारत की क्षमता और आर्थिक ताकत से अवगत है. भारत चीन के लिए एक बड़ा बाजार है. इसलिए वे पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेंगे.


