कश्मीर में ISI के FT माड्यूल की साजिश, सुरक्षा एजेंसियां तोड़ने में जुटी हैं आतंकवादी नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि हाल के महीनों में कश्मीर में ISI के FT मॉड्यूल के तहत विदेशी आतंकियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पाकिस्तान की ISI इन आतंकियों को प्रशिक्षित कर सीमा पार से घुसपैठ कराकर घाटी में सक्रिय कर रही है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों और सेना का ऑपरेशन तेज़ी से जारी है. बीते कुछ दिनों में सुरक्षा बलों और NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने कई ऐसे स्थानीय मददगारों का पर्दाफाश किया है जो आतंकियों को पनाह और संसाधन मुहैया करवा रहे थे. अब इन मददगारों से पूछताछ की जा रही है ताकि घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ी जा सके.
जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा संचालित फॉरेन टेररिस्ट मॉड्यूल (FT मॉड्यूल) के तहत विदेशी आतंकियों की घाटी में सक्रियता लगातार बढ़ रही है. यह मॉड्यूल ISI द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसमें विदेशी आतंकियों को भर्ती कर ट्रेनिंग दी जाती है और फिर उन्हें सीमा पार से भारत में घुसपैठ करवाई जाती है.
ISI के FT मॉड्यूल के निशाने पर कश्मीर
सूत्रों के अनुसार, 2024 में अब तक 68 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें से 42 विदेशी थे. इनमें से अधिकांश आतंकी पाकिस्तान से प्रशिक्षित होकर आए थे और या तो नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश में मारे गए या फिर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए. सबसे ज्यादा विदेशी आतंकवादी उत्तर कश्मीर के बारामुला ज़िले में मारे गए, जहां 9 मुठभेड़ों में कुल 14 आतंकियों को ढेर किया गया. जम्मू क्षेत्र में भी लगभग 40 आतंकियों में से 35 से 36 विदेशी पाए गए.
आतंक फैलाने को विदेशी लड़ाके भेजे जा रहे
इस बढ़ती विदेशी सक्रियता का एक बड़ा कारण स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती में आई गिरावट है. 2021 में जहां 125 स्थानीय युवक आतंकवादी बने थे, वहीं यह संख्या 2022 में घटकर 100, 2023 में 22 और 2024 में अब तक सिर्फ़ 7 रह गई है. वर्तमान में कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकियों की संख्या 10 से भी कम रह गई है.
FT मॉड्यूल के मददगारों की हो रही पूछताछ
पाकिस्तान इस खालीपन को भरने के लिए लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट), PAFF (पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट) और कश्मीर टाइगर्स जैसे आतंकी संगठनों के जरिए अपने प्रशिक्षित आतंकियों को भेज रहा है. सुरक्षा एजेंसियां अब इन विदेशी नेटवर्क और उनके लोकल सपोर्ट सिस्टम पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं ताकि घाटी में शांति स्थापित की जा सके.


