पाकिस्तान को संदेश देना जरूरी है... पहलगाम हमले के बाद कपिल सिब्बल का बयान, संसद में विशेष सत्र की मांग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में गुस्से और शोक की लहर है. इस घटना के बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की है. उनका कहना है कि इस सत्र के माध्यम से भारत को आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए और यह संदेश देना चाहिए कि देश एकजुट है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से और शोक की लहर है. इसी बीच राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि देश एक स्वर में आतंकवाद की निंदा कर सके और दुनिया को यह संदेश दे सके कि भारत एकजुट है. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि शासक और विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के प्रमुख देशों में भेजा जाए, ताकि पाकिस्तान पर वैश्विक स्तर पर दबाव बनाया जा सके.
सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस तरह अमेरिका अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाता है, उसी तर्ज पर भारत को उन देशों को साफ संदेश देना चाहिए जो पाकिस्तान से व्यापार करते हैं – या तो भारत के साथ व्यापार करें या पाकिस्तान के साथ.
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
कपिल सिब्बल ने कहा, "प्रधानमंत्री को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए। यह दुनिया को यह दिखाएगा कि देश सरकार के साथ खड़ा है और हम भारत की संप्रभुता पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे." उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के साथ है क्योंकि यह केवल एक पार्टी का मामला नहीं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल है.
भारत को सख्ती दिखानी चाहिए
सिब्बल ने कहा कि भारत को अब उन देशों को स्पष्ट संदेश देना चाहिए जिनका पाकिस्तान से व्यापार है. उन्होंने कहा, "जो देश पाकिस्तान से व्यापार कर रहे हैं, उन्हें बता दें कि वे भारत के बाजार में नहीं आ सकते। अमेरिका जैसे कड़े प्रतिबंध अब भारत को भी अपनाने चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज बुलंद हो
सिब्बल ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करता रहा है. उन्होंने कहा, "1972 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने कहा था कि हम भारत को हजारों घाव देंगे. उसके बाद से संसद हमला, कलूचक, आईआईएससी, मुंबई ट्रेन धमाके, 26/11, पठानकोट, उरी और पुलवामा जैसे हमले हुए हैं. अब पहलगाम में 26 निर्दोष मारे गए. ये सिलसिला खत्म होना चाहिए."
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने और चीन की स्थिति को भी स्पष्ट करने की वकालत की। सिब्बल ने कहा, "हमें कूटनीतिक मोर्चे पर पूरी ताकत से उतरना चाहिए. दुनिया को दिखाना होगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है."
आतंकवाद पर राजनीति बंद हो
कपिल सिब्बल ने स्पष्ट कहा, "आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता. कुछ नेता और मीडिया इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं, जो पाकिस्तान की सोच को बल देता है. क्या हमारा मीडिया पाकिस्तान का समर्थन करना चाहता है?" उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान की सराहना की जिसमें उन्होंने कहा था कि "अगर सब साथ आएंगे, तभी बात सुनी जाएगी."
पीएम के सर्वदलीय बैठक में गैरहाजिर रहने पर नाराजगी
सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक में मौजूद रहना चाहिए था. "मैं एक सांसद के नाते कहता हूं कि प्रधानमंत्री को बैठक में शामिल होना चाहिए था. उन्हें शायद बिहार की सभा ज्यादा जरूरी लगी. मुझे यह बात अच्छी नहीं लगी," उन्होंने कहा. देश एकजुट है, decisive कदम की जरूरत है.
गौरतलब है कि गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का समर्थन दिया. हालांकि विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी उठाए.


