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कराची स्टॉक एक्सचेंज में उछाल, स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों की बहार, ट्रेडिंग रही सस्पेंड

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम और IMF द्वारा पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिलने के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE) में 9% की तेज़ी दर्ज की गई, जिससे ट्रेडिंग एक घंटे के लिए रोकनी पड़ी. 9 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों ने 10 मई को सीजफायर पर सहमति जताई थी.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के बाद जब दोनों देशों ने 10 मई को युद्धविराम का ऐलान किया, तब इसका सीधा असर पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति पर देखने को मिला. 12 मई को पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE) में जोरदार तेजी दर्ज की गई, जहां KSE-30 इंडेक्स 9% उछल गया और तेजी को नियंत्रित करने के लिए ट्रेडिंग को एक घंटे के लिए रोकना पड़ा.

दूसरी ओर, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 2.3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज भी मिल गया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. भारत ने इस बेलआउट वोटिंग में भाग नहीं लिया, लेकिन बाजारों में इसका सकारात्मक असर दिखा, खासकर पाकिस्तान और भारत, दोनों की इक्विटी मार्केट्स में उछाल देखा गया.

भारत-पाक युद्धविराम और IMF बेलआउट का डबल इफेक्ट

12 मई को कराची स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क इंडेक्स KSE-30 में 9 प्रतिशत की तेज़ी आई, जिससे इंडेक्स ने एक घंटे के भीतर ही ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी गई. इस दौरान KSE-100 इंडेक्स 9,928 अंकों की उछाल के साथ 117,104.11 तक पहुंच गया. ये तेजी भारत-पाक तनाव में कमी और IMF के बेलआउट पैकेज की घोषणा के कारण आई.

इससे पहले, 9 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचों पर जवाबी हमला किया था, जब पाकिस्तान ने भारत की सीमा पर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके बाद सप्ताहांत पर दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई.

IMF ने 2.3 अरब डॉलर का बेलआउट दिया

IMF ने 9 मई को वाशिंगटन में पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का राहत पैकेज दिया. यह सहायता ऐसे समय पर आई जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दबाव में थी और विदेशी मुद्रा भंडार बेहद निचले स्तर पर पहुंच चुका था. भारत ने इस बेलआउट पैकेज के पक्ष में वोट नहीं किया.

भारत के शेयर बाजार में भी रौनक

भारत के शेयर बाजारों में भी 12 मई को तेजी देखी गई. निफ्टी 50 और BSE सेंसेक्स में 2.5% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई और ये क्रमश: 24,700.05 और 81,689.46 अंकों पर पहुंचे. स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स में भी क्रमश: 3.5% और 3.1% की बढ़त दर्ज की गई. वॉलैटिलिटी इंडेक्स, जिसे ‘फियर गेज’ कहा जाता है, आठ दिनों की लगातार बढ़त के बाद पहली बार गिरावट में आया, जिससे निवेशकों को राहत मिली. यह इस बात का संकेत है कि संघर्षविराम लागू होने के बाद बाज़ारों में स्थिरता लौट रही है.

पहले गिरावट, अब उछाल

गौरतलब है कि 8 मई को पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी जब KSE-30 इंडेक्स 7.2 प्रतिशत गिर गया था. लेकिन एक साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट 33% से अधिक की बढ़त के साथ पिछले 22 वर्षों में सर्वाधिक रिटर्न देने वाला बना.

भारत-पाक मार्केट का अंतर

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में कराची स्टॉक एक्सचेंज का बाजार पूंजीकरण \$20.36 बिलियन है, जबकि भारत में 5,000 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं और देश का बाजार पूंजीकरण \$5 ट्रिलियन के पार है. भारत का स्टॉक मार्केट दुनिया के टॉप 5 मार्केट्स में शामिल है.

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12 May 2025, 12:04 PM IST

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