फिल्म 'इमरजेंसी' पर खालिस्तानियों का असर, भारत ने ब्रिटेन से सख्त कदम उठाने की मांग की
विदेश मंत्रालय ( एमईए ) ने यूनाइटेड किंगडम में फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग को निशाना बनाकर की गई हिंसक घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की है, तथा यूके सरकार से इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया है.

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने यूनाइटेड किंगडम में फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के दौरान हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई है. मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया है कि वह इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. इस से पहले, ब्रिटेन के एक सांसद ने बताया था कि लंदन के एक सिनेमाघर में कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के दौरान "नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादियों" ने धमकी दी थी.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 'इमरजेंसी' फिल्म कई सिनेमाघरों में दिखाई जा रही थी, लेकिन यह पता चला कि इसे कुछ जगहों पर बाधित किया गया. मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार से इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का चयनात्मक उपयोग नहीं होना चाहिए, और जो लोग इसे बाधित करें, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
भारत ने ब्रिटेन को चेतावनी दी
यह घटना तब हुई जब 24 जनवरी को हारो व्यूए सिनेमा में नकाबपोश व्यक्तियों ने फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हमला किया. इन व्यक्तियों की पहचान खालिस्तान समर्थकों के रूप में हुई है, जिन्होंने भारत विरोधी नारे लगाए और फिल्म की स्क्रीनिंग को रोक दिया, जिससे सिनेमाघर में डर का माहौल बन गया.
खालिस्तानियों की हिंसा से फिल्म की स्क्रीनिंग प्रभावित
ब्रिटेन में कई सिख समूहों ने फिल्म को 'सिख विरोधी भारतीय राज्य का प्रचार' बताया और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए. इस कारण कई सिनेमाघरों में फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई. फिल्म में कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है और यह 1975-77 के आपातकाल के घटनाक्रम पर आधारित है.
भारत सरकार ने ब्रिटेन से अपील की
भारत सरकार ने ब्रिटेन से अपील की है कि वह इन घटनाओं को गंभीरता से ले और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. इसके अलावा, भारत सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने की मांग की कि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय और अन्य लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त महसूस करें.
भारत ने ब्रिटेन से किया आग्रह
इससे पहले, ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद में बताया था कि फिल्म के प्रदर्शन को वॉल्वरहैम्प्टन, बर्मिंघम और अन्य शहरों में भी बाधित किया गया था. उन्होंने कहा कि यह फिल्म विवादास्पद हो सकती है, लेकिन लोग इसे देखना और इसके बारे में फैसला करना चाहते हैं, उन्हें यह अधिकार मिलना चाहिए.