मीडिया से दूरी और अघोषित आपातकाल पर खरगे का पीएम मोदी पर तीखा वार
खरगे ने कहा कि भले ही देश में आपातकाल आधिकारिक रूप से समाप्त हो चुका हो, लेकिन मौजूदा मोदी सरकार के शासन में एक तरह का 'अघोषित आपातकाल' जारी है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' जैसे आयोजनों का नाटक कर रही है. खरगे ने आरोप लगाया कि देश में अब घोषित नहीं, बल्कि अघोषित आपातकाल चल रहा है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि आज संविधान खतरे में है और इसके लिए मौजूदा सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं.
खरगे ने की बीजेपी के वैचारिक नेताओं की आलोचना
खरगे ने बीजेपी के वैचारिक नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि जिन लोगों का आजादी की लड़ाई और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं था, वे आज संविधान की रक्षा की बातें कर रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि अतीत में कुछ लोगों ने संविधान की प्रतियां तक जलाई थीं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस लगातार 'संविधान बचाओ यात्रा' चला रही है, जिससे बीजेपी बौखला गई है. उन्होंने मोदी सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर पूरी तरह विफल बताया.
खरगे ने निर्वाचन आयोग को लिया निशाने पर
खरगे ने निर्वाचन आयोग को भी निशाने पर लिया और कहा कि वह अब सरकार की कठपुतली बन चुका है. उनका आरोप था कि आज का लोकतंत्र खतरे में है और सभी संस्थाओं पर सरकार का नियंत्रण है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि वह मीडिया से संवाद नहीं करते और जो सवाल पूछे जाते हैं, वे पहले से तय होते हैं. उन्होंने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री मीडिया से सीधे सवालों के जवाब देते थे, लेकिन अब संवाद का तरीका पूरी तरह बदल गया है.
खरगे ने महाराष्ट्र चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि वहां नतीजे चुनाव परिणामों से मेल नहीं खा रहे हैं. वोटर लिस्ट में अचानक हुए बदलाव भी संदेहजनक हैं. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया.


