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तीन 12 मंजिला टॉवर और बहुत कुछ, जानिए दिल्ली के RSS कार्यालय में क्या-क्या है

दिल्ली में आरएसएस का झंडेवालान स्थित कार्यालय अब पूरी तरह से पुनर्निर्मित हो चुका है और संघ प्रमुख मोहन भागवत 19 फरवरी को इस नवनिर्मित कार्यालय से संगठन के कार्यों की शुरुआत करेंगे. इस नए परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ प्राचीन वास्तुकला का भी ध्यान रखा गया है

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

दिल्ली में स्थित आरएसएस का झंडेवालान स्थित कार्यालय अब पूरी तरह से पुनर्निर्मित हो चुका है और संघ प्रमुख मोहन भागवत 19 फरवरी को इस नवनिर्मित कार्यालय से संगठन के कार्यों की शुरुआत करेंगे. इस नए परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ प्राचीन वास्तुकला का भी ध्यान रखा गया है, जो संघ के कार्यों को और अधिक प्रभावी और सुविधाजनक बनाएगा.

नवीनतम कार्यालय की संरचना

यह नया कार्यालय करीब चार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें तीन 12 मंजिला टॉवर बनाए गए हैं. इन टॉवरों में लगभग 300 कमरे और कार्यालय हैं, साथ ही 270 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यालय के पुनर्निर्माण पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जो संघ विचारधारा को मानने वाले और सहानुभूति रखने वाले 75,000 से अधिक लोगों के चंदे से जुटाए गए हैं. इस पुनर्निर्माण में आठ साल का समय लगा, क्योंकि 2016 से संघ को एक किराए के परिसर में अपनी गतिविधियाँ चलानी पड़ीं.

तीन टॉवर का निर्माण और उनके नाम

नए परिसर में तीन प्रमुख टॉवर बनाए गए हैं, जिनके नाम साधना, प्रेरणा और अर्चना रखे गए हैं। यह टॉवर संघ के कार्यों और उद्देश्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रतीक हैं. पहले टॉवर का नाम 'साधना' रखा गया है, दूसरे का नाम 'प्रेरणा' और तीसरे का नाम 'अर्चना' रखा गया है. इस वास्तुकला का डिजाइन गुजरात के वास्तुकार अनूप दवे ने तैयार किया है, जो आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्राचीन वास्तुशिल्प का एक बेहतरीन मिश्रण है.

विशाल सभागार और अन्य सुविधाएँ

नवीन कार्यालय में एक बड़ा सभागार भी है, जिसे विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्व. अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है. इस सभागार में 463 लोग एक साथ बैठ सकते हैं. इसके अलावा एक अन्य सभागार भी बनाया गया है जिसमें 650 लोग जमीन पर बैठ कर बैठक कर सकते हैं. पूरे परिसर में छोटे- बड़े 5 से 6 हॉल बनाए गए हैं, जो विभिन्न बैठकों और आयोजनों के लिए उपयुक्त हैं.

इसके अतिरिक्त, संघ के सदस्यों के लिए एक पुस्तकालय, एक दवाखाना और पांच बेड का एक क्लीनिक भी यहाँ मौजूद है. इस परिसर में सौर ऊर्जा का भी प्रबंध किया गया है, जिससे कार्यालय की बिजली जरूरतों का एक हिस्सा पूरा किया जा सके. 140 केवी सोलर पावर प्रणाली के जरिए इस ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा.

संघ के पदाधिकारियों के लिए आवास और अन्य सुविधाएँ

पहले टॉवर में आरएसएस के साप्ताहिक पत्रों "पांचजन्य" और "ऑर्गेनाइजर" के कार्यालय हैं. इसके अलावा, इस टॉवर में दिल्ली प्रांत का संघ कार्यालय भी है. 10वीं मंजिल पर एक बेहतरीन पुस्तकालय बनाया गया है जिसमें 8500 किताबें हैं, और एक दवाखाना और क्लीनिक भी है. ये सुविधाएँ न केवल संघ के कार्यकर्ताओं के लिए हैं, बल्कि आसपास के गरीब लोगों के लिए भी उपलब्ध होंगी.

दूसरे टॉवर की 9वीं मंजिल पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का कमरा और कार्यालय है. इस टॉवर में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के कमरे भी आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा, इस टॉवर में सामूहिक भोजनालय भी है, जहां एक साथ 80 लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं.

हनुमान जी का मंदिर और संघ स्थल

दूसरे टॉवर के ग्राउंड फ्लोर पर हनुमान जी का मंदिर है, जिसमें वही प्रतिमा रखी गई है जो पहले संघ के पुराने दफ्तर में थी. इस परिसर में संघ स्थल (शाखा स्थल) भी है, जो पहले की तरह हरे-भरे मैदान में स्थित है. यह स्थान संघ की दैनिक शाखा बैठकों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो संघ के कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.

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12 February 2025, 11:35 PM IST

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