कोलकाता सामूहिक बलात्कार: पुलिस ने आरोपियों को कॉलेज ले जाकर 4 घंटे का किया सीन रीक्रिएट
कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई सामूहिक बलात्कार ने न केवल पीड़िता के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों कॉलेज लेजाकर 4 घंटे का सीन रीक्रिएट किया ताकि जांच सही से हो सके और पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले.

Kolkata Gangrape: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुए सामूहिक बलात्कार ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में कोलकाता पुलिस ने जांच के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें कॉलेज का एक पूर्व छात्र और एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं. शुक्रवार को पुलिस ने सभी आरोपियों को लॉ कॉलेज ले जाकर लगभग चार घंटे तक क्राइम सीन का रीक्रिएट किया. इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने पीड़िता के बयानों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना की हर बारीकी को जांचा, ताकि सबूतों को और मजबूत किया जा सके.
जांच में आया नया मोड़
कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे चारों आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, प्रमित मुखर्जी, जैब अहमद, और सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज ले जाकर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया. यह प्रक्रिया लगभग चार घंटे तक चली, जिसमें पुलिस ने पीड़िता के बयानों से घटनास्थल पर मौजूद सबूतों से किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज से लड़की के आरोपों की पुष्टि होती है. इसमें तीनों आरोपियों, सुरक्षा गार्ड और पीड़िता की हरकतें दिखाई देती हैं. हम फिलहाल फुटेज की जांच कर रहे हैं.”
आरोपियों की गिरफ्तारी और आगे की जांच
पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र के साथ-साथ दो वर्तमान छात्रों प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद और गार्ड पिनाकी बनर्जी को हिरासत में लिया गया. कोर्ट ने तीन मुख्य आरोपियों को 8 जुलाई तक और गार्ड को 4 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग ने जांच को अपने हाथ में ले लिया है और विशेष जांच दल का गठन किया है.
आगे की जांच और सबूतों की तलाश
पुलिस अब आरोपियों के मोबाइल फोनों की जांच कर रही है. क्योंकि शिकायत में यह कहा गया है कि आरोपियों ने बलात्कार का वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी. पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह वीडियो किसी अन्य समूह के साथ साझा किया गया. साथ ही फोरेंसिक जांच के लिए कपड़ों और अन्य सबूतों को भेजा गया है, ताकि डीएनए और अन्य निशानों की पुष्टि की जा सके. जांच में यह भी सामने आया है कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने पीड़िता को कॉलेज में जाने के पहले दिन से ही निशाना बनाना शुरू कर दिया था.


