कान खोलकर सुन लें... मोदी-ट्रंप के बीच नहीं हुई कोई बात, राज्यसभा में विदेश मंत्री ने जयराम रमेश से कही ये बात, देखें Video
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का पक्ष मजबूती से रखा. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किसी विदेशी दबाव से नहीं, बल्कि द्विपक्षीय बातचीत से हुआ. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और सिंधु जल संधि निलंबन को सही ठहराया. उन्होंने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निशाना साधा और भारत की सफलताओं को बताया.

राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट और मजबूती से अपना पक्ष रखा. उन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान पर भारत के रुख को लेकर विस्तार से बताया. इस दौरान वह लगातार विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दे रहे थे, लेकिन भाषण के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बार-बार हस्तक्षेप किया, जिससे सदन में बाधा उत्पन्न हुई. इस पर जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और जयराम रमेश को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि 22 अप्रैल से 16 जून तक प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई, इसीलिए विपक्ष का यह आरोप कि सीजफायर अमेरिका के दबाव में हुआ, पूरी तरह गलत है.
सीजफायर को लेकर विपक्ष के आरोपों पर जवाब
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर किसी बाहरी दबाव या विदेशी ताकत की वजह से नहीं बल्कि डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) स्तर की बातचीत का नतीजा था. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस बात को साफ किया है. विपक्ष, खासकर कांग्रेस, बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर यह सीजफायर हुआ, जिसे विदेश मंत्री ने तथ्यों के आधार पर खारिज किया.
#WATCH | "...Main unko kehna chahta hoon, woh kaan kholke sun le. 22 April se 16 June tak, ek bhi phone call President Trump aur Prime Minister Modi ke beech mein nahi hua." says EAM Dr S Jaishankar during discussion on Operation Sindoor in Rajya Sabha pic.twitter.com/0ZYkdOGae4
— ANI (@ANI) July 30, 2025
आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति
अपने भाषण की शुरुआत में जयशंकर ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि यह हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है. उन्होंने इसे भारत की सुरक्षा के खिलाफ ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने जैसा बताया. जयशंकर ने दो टूक कहा कि दोषियों को सज़ा दिलाना और पीड़ितों को न्याय देना सरकार की प्राथमिकता है. ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने आतंकियों को कड़ा संदेश दिया और दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.
सिंधु जल संधि पर मोदी सरकार का कड़ा फैसला
जयशंकर ने अपने संबोधन में सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते.’ यह निर्णय सरकार की कड़ी विदेश नीति और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है. उन्होंने दावा किया कि यह कदम नेहरू युग की नीतियों की गलतियों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.
पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बड़ी सफलता
जयशंकर ने बताया कि 1947 के बाद से भारत पर सीमा पार से लगातार हमले होते रहे हैं, और हर बार हमलों के बाद पाकिस्तान से बातचीत की परंपरा चली आ रही थी. लेकिन मोदी सरकार ने इस नीति में बदलाव करते हुए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब किया. उन्होंने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत सरकार ने गंभीर प्रयासों से उसे भारत लाने में सफलता पाई.
संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीत
जयशंकर ने बताया कि भारत के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने भी माना कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) वास्तव में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म रूप है. यह भारत की कूटनीतिक जीत है जो दिखाती है कि आतंकवाद को लेकर भारत की सख्त नीति रंग ला रही है.


