STF की बड़ी कार्रवाई...आलीशान कोठी में फर्जीवाड़ा चलाने वाले हर्षवर्धन जैन हुए अरेस्ट
गाजियाबाद में अवैध 'दूतावास साम्राज्य' चलाने वाले हर्षवर्धन जैन के खिलाफ STF ने कसा शिकंजा. कविनगर स्थित आलीशान कोठी में उसने कई फर्जी देशों के 'स्वयंभू दूतावास' बना रखे थे. STF की टीम आरोपी को कोठी पर लेकर पहुंची, जहां उसके लैपटॉप और मोबाइल से मिले सुरागों के आधार जब्त कर लिया गया है.

Ghaziabad Fake Embassy: गाजियाबाद के कविनगर इलाके में एक किराए की कोठी से कथित रूप से फर्जी दूतावास चलाने और हवाला कारोबार में लिप्त रहे हर्षवर्धन जैन के खिलाफ जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पांच दिन की पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी को बुधवार (30 जुलाई) को उस कोठी पर लाया गया, जहां वह वर्षों से स्वयंभू देशों के अवैध दूतावास संचालित कर रहा था. STF और कविनगर थाने की टीम ने संयुक्त रूप से जैन को कोठी पर लाकर पूछताछ शुरू की और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की तलाशी ली. अधिकारियों को उम्मीद है कि यहां से विदेशी कंपनियों के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हो सकता है.
हर्षवर्धन जैन के कोठी पर पहुंची STF की टीम
बुधवार को आरोपी हर्षवर्धन जैन को पुलिस उस कोठी में लेकर पहुंची, जहां से वह लंबे समय से अवैध दूतावास चला रहा था. टीम ने वहां मौजूद दस्तावेजों को जब्त किया और पूछताछ के दौरान पता लगाने की कोशिश की कि किन-किन देशों और कंपनियों के नाम पर यह खेल खेला गया.
विदेश मंत्रालय की नकली मुहर
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि जैन ने विदेश मंत्रालय की नकली मुहर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के पास से बनवाई थी. पुलिस अब आरोपी को वहां लेकर जाएगी ताकि वह मुहर बनाने वाले की पहचान कर सके. यह भी जांच की जा रही है कि ये मुहरें किन-किन दस्तावेजों पर लगाई गईं और उनका इस्तेमाल किस तरह किया गया.
मोबाइल और लैपटॉप से मिले सुराग
हर्षवर्धन के मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं. एसटीएफ अब इस बात की तह तक जाना चाहती है कि फर्जी कंपनियों में निवेश के नाम पर जो रकम जुटाई गई, वह कहां से आई और इसमें किन-किन लोगों का पैसा लगाया गया.
STF की पूछताछ,
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा हर्षवर्धन को पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया है, जिसके तहत एसटीएफ 2 अगस्त तक उससे पूछताछ करेगी. आरोपी पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र समेत भारतीय न्याय संहिता की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है.


