'हर जानकारी शेयर करना देशहित में नहीं होता'- रक्षा मंत्रालय की मीडिया को सख्त सलाह

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते हालात को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया यूज़र्स को सख्त सलाह दी है — लाइव कवरेज और सेना की हरकतों की रिपोर्टिंग में सावधानी बरतें! एक छोटी सी गलती भी देश की सुरक्षा पर भारी पड़ सकती है. पूरी खबर ज़रूर पढ़िए…

Aprajita
Edited By: Aprajita

Defence Ministry Issued Notice to Media: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जब हमारी सेना 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अहम कदम उठा रही है, तब हर छोटी-बड़ी जानकारी की अहमियत और उसका असर बहुत बड़ा हो सकता है. ऐसे वक्त में मीडिया की भूमिका भी बेहद जिम्मेदार हो जाती है. इसी को लेकर अब रक्षा मंत्रालय ने एक जरूरी कदम उठाया है.

क्या कहा रक्षा मंत्रालय ने?

रक्षा मंत्रालय ने देश के तमाम टीवी चैनलों, डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूज़र्स को सख्त सलाह दी है कि वे सेना के ऑपरेशन और मूवमेंट की लाइव रिपोर्टिंग या रियल टाइम कवरेज से बचें. यह सलाह राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र जारी की गई है. रक्षा मंत्रालय ने इस जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर साझा करते हुए कहा है कि इससे सुरक्षा बलों की योजना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. खासकर, ऐसे समय में जब सीमा पर हालात गंभीर हों, कोई भी लापरवाही देश को भारी पड़ सकती है.

नियम के तहत सख्ती

यह एडवाइजरी केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 के तहत जारी की गई है. इसके अनुसार, सिर्फ वही जानकारी दिखाई जा सकती है जो अधिकारी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान साझा करें. मीडिया को खुद से कुछ भी संवेदनशील जानकारी दिखाने या शेयर करने की अनुमति नहीं होगी.

पहले भी भुगत चुके हैं नुकसान

मंत्रालय ने ये भी बताया कि पहले कारगिल युद्ध, 26/11 हमले और कांधार हाईजैक जैसे मामलों में लाइव रिपोर्टिंग की वजह से ऑपरेशन पर बुरा असर पड़ा था. इसलिए अब साफ कर दिया गया है कि ऐसा दोबारा न हो.

मीडिया और जनता से अपील

सरकार की ओर से सभी मीडिया चैनलों, पत्रकारों और आम लोगों से अपील की गई है कि देश की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले सोचें. हर पोस्ट, हर लाइव रिपोर्टिंग का असर सिर्फ टीवी स्क्रीन तक नहीं बल्कि सेना के मैदान पर भी पड़ सकता है.

इस समय जब भारत अपनी सुरक्षा को लेकर सख्त है, तब हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि देशहित में सोचें और करें. मीडिया की आज़ादी के साथ-साथ समझदारी भी ज़रूरी है — ताकि हम न चाहते हुए भी दुश्मन के हाथ कोई जानकारी न दे बैठें.

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09 May 2025, 04:40 PM IST

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