'भ्रष्टाचार देख सकते हैं' अटल सेतु पर दरारें देख भड़के कांग्रेस के नेता
Atal Setu: अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के नाम से जाना जाता है, वह नवी मुंबई में उल्वे की ओर जाने वाले तारकोल से बने इसके निकास द्वार पर दरारें आने के बाद जांच के दायरे में आ गया है. देश का सबसे लंबा समुद्री पुल अटल सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच महीने पहले ही किया था.

Atal Setu: देश में पुलों का गिरने और टूटने का ट्रेंड शुरू हो गया है. बिहार से कई पुलों के गिरने की खबर सामने आ चुकी है. इस बार मुंबई में बनी अटल सेतु में दरार की खबर सामने आ रही है. हाल ही बनी अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से जाना जाता है. नवी मुंबई में उल्वे की ओर जाने वाले तारकोल से बने इसके निकास द्वार पर दरार की बात सामने आ रही है.
देश का सबसे लंबा समुद्री पुल अटल सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच महीने पहले ही किया था. नव-उद्घाटित पुल पर दरारें आने से सरकार पर और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. दरअसल महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दरारों का निरीक्षण करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई.
"It has been noticed that there is no crack in the main part of Atal Setu Bridge but rumours are being spread. Please don't believe the rumours. Minor cracks have been found on the approach road connecting Atal Setu. The said footpath is not a part of the main bridge but is a… https://t.co/sGrquNTGk9
— ANI (@ANI) June 21, 2024
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
इस मामले पर पटोले ने कहा, "मैं यहां आपको यह दिखाने आया हूं कि हम जो कह रहे हैं वह सिर्फ आरोप नहीं है. सरकार यह दिखावा कर रही है कि वे लोगों के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन आप यहां भ्रष्टाचार देख सकते हैं. वे अपनी जेबें भर रहे हैं, लेकिन उन्हें लोगों की जान खतरे में डालने का अधिकार किसने दिया? लोगों को योजना बनानी चाहिए कि इस भ्रष्ट सरकार को कैसे हटाया जाए." लगभग 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बनी एमटीएचएल का उद्घाटन इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
सड़क पर दरार से बढ़ा विवाद
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "इस पुल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है और हम सभी उनका सम्मान करते हैं. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुल का नाम उनके नाम पर होने के बावजूद यहां भ्रष्टाचार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को इस सब पर ध्यान देना चाहिए." तारकोल सड़क के एक तरफ देखी गई दरारों ने निर्माण की गुणवत्ता और परियोजना की अखंडता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


