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अब मिजोरम जाना हुआ और आसान! आइजोल बनी नेशनल रेल नेटवर्क में शामिल होने वाली पूर्वोत्तर की चौथी राजधानी

Mizoram railway: पूर्वोत्तर भारत में रेल कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देते हुए मिजोरम की राजधानी आइजोल अब राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ गई है. बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन के पूरी होने के बाद, आइजोल ने पूर्वोत्तर की चौथी राजधानी बनने का गौरव हासिल किया है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mizoram railway: पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए मिजोरम की राजधानी आइजोल अब राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ गई है. बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही आइजोल ऐसी चौथी राजधानी बन गई है, जो देश के रेल नक्शे में शामिल हो गई है. इस ऐतिहासिक प्रगति की पहली सफल ट्रायल रन 1 मई को नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने की, जिससे पूर्वोत्तर के बुनियादी ढांचे में एक नया अध्याय जुड़ गया.

आइजोल से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित सैरांग अब रेलमार्ग से राज्य की राजधानी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला मुख्य स्टेशन बन गया है. इस विकास ने असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के बाद मिजोरम को पूर्वोत्तर का चौथा ऐसा राज्य बना दिया है, जिसकी राजधानी रेलवे नेटवर्क से जुड़ गई है.

51.38 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन

बैराबी से सैरांग तक बनी 51.38 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन बेहद चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र से होकर गुजरती है. 5,021.45 करोड़ रुपये की संशोधित लागत से बनी इस लाइन में 48 सुरंगें और 142 पुल शामिल हैं. इस परियोजना की सबसे उल्लेखनीय संरचना 'ब्रिज नंबर 196' है, जिसकी ऊंचाई 104 मीटर है जो दिल्ली के क़ुतुब मीनार से 32 मीटर ऊंचा है.

ट्रेनों का संचालन जून के बाद

रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा अंतिम सुरक्षा निरीक्षण इस सप्ताह निर्धारित है. मंजूरी मिलते ही 17 जून के बाद इस लाइन का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा और नियमित रेल सेवाओं की शुरुआत होगी. अब तक परियोजना का 94.52% भौतिक कार्य और 97.13% वित्तीय खर्च पूरा हो चुका है.

पूर्वोत्तर को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की बड़ी योजना

बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना रेलवे मंत्रालय की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पूर्वोत्तर भारत की सभी राजधानियों को रेल मार्ग से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में नागालैंड (दीमापुर–कोहिमा), अरुणाचल प्रदेश (मुर्कोंगसेलेक–पासीघाट), सिक्किम (सिवोक–रंगपो) और मणिपुर (जीरीबाम–इम्फाल) में भी नई रेल लाइनें बनाई जा रही हैं.

रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए चल रही 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत अब सैरांग स्टेशन को भी विकसित किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना और पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे अनुभव को बेहतर बनाना है.

पूर्वोत्तर में चल रही 18 रेल परियोजनाएं

रेलवे मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 तक पूर्वोत्तर भारत में कुल 1,368 किलोमीटर की लंबाई वाली 18 रेल परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी अनुमानित लागत 74,972 करोड़ रुपये है. इनमें से 40,549 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि पूर्वोत्तर भारत को परिवहन के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ना उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है.

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27 May 2025, 05:50 PM IST

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