मोदी सरकार ने फिर जताया IB चीफ तपन कुमार डेका पर भरोसा, दूसरी बार मिला सेवा विस्तार
भारत सरकार ने खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन कुमार डेका को एक बार फिर एक साल का सेवा विस्तार दिया है. वह 1988 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और आतंकवाद व कट्टरपंथ से निपटने में विशेषज्ञता रखते हैं. उनकी अगुवाई में पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मामलों में अहम भूमिका रही. पहले उन्हें जून 2022 में नियुक्त किया गया था, और अब यह दूसरा विस्तार जून 2026 तक दिया गया है.

भारत सरकार ने खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन कुमार डेका को एक बार फिर सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया है. यह निर्णय उन्हें लगातार दूसरी बार एक वर्ष के कार्यकाल विस्तार के रूप में दिया गया है, जो उनकी विशेषज्ञता और सेवाओं की निरंतर आवश्यकता को दर्शाता है.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दी मंजूरी
मंगलवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने तपन डेका को एक वर्ष के लिए या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) जून 2026 तक के लिए सेवा विस्तार प्रदान कर दिया है. यह निर्णय देश की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है.
1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी
तपन डेका भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1988 बैच के अधिकारी हैं और हिमाचल प्रदेश कैडर से संबंध रखते हैं. उन्होंने अपने करियर में लंबे समय तक देश की आतंरिक सुरक्षा, आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़े मुद्दों पर कार्य किया है. विशेष रूप से, वे उन अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों और कट्टरपंथ पर नियंत्रण में विशेष महारत हासिल है.
पाकिस्तान से जुड़े मामलों में विशेष विशेषज्ञता
डेका की खुफिया पृष्ठभूमि उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती है. उन्हें पाकिस्तान से जुड़े आतंकवाद मामलों की गहरी समझ है, जो उन्हें रणनीतिक अभियानों और क्रॉस-बॉर्डर खतरों से निपटने में प्रभावी बनाती है. उनके कार्यकाल के दौरान पहलगाम आतंकी हमला और भारत का ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मामलों में उनकी भूमिका अहम रही है.
खुफिया ब्यूरो प्रमुख के रूप में दूसरी बार विस्तार
तपन डेका को सबसे पहले जून 2022 में दो वर्ष की अवधि के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद, जून 2023 में उन्हें एक साल का पहला कार्यकाल विस्तार मिला था. अब यह दूसरा विस्तार उन्हें दिया गया है, जो इस बात का संकेत है कि उनकी कार्यप्रणाली और नेतृत्व को सरकार का पूरा भरोसा प्राप्त है.
आंतरिक सुरक्षा में मजबूत योगदान
देश की आंतरिक सुरक्षा में तपन डेका का योगदान लंबे समय से अत्यंत प्रभावशाली रहा है. उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल आतंकवाद विरोधी अभियानों की निगरानी की है और घरेलू कट्टरपंथ, जासूसी गतिविधियों, और आईएसआई जैसे खतरों पर गंभीर कार्रवाई की है. खुफिया एजेंसियों में उनकी छवि एक मौन लेकिन प्रभावशाली रणनीतिकार की है, जो बिना सुर्खियों में आए बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने की क्षमता रखते हैं.
भविष्य के लिए बढ़ती ज़िम्मेदारियां
इस विस्तार के साथ डेका को भारत की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक दीर्घकालिक योजनाओं को लागू करने का अवसर मिलेगा. देश में बढ़ती डिजिटल निगरानी, साइबर जासूसी, और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के संदर्भ में उनकी भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.