मोदी ने गंगा राम अस्पताल में शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिवार के प्रति जताई संवेदना
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सह-संस्थापक और वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में किडनी संबंधी समस्याओं का इलाज करा रहे थे.

Modi Paid Tribute to Shibu Soren: झारखंड की राजनीति के पुरोधा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में वे पिछले एक महीने से किडनी की दिक्कतों के चलते भर्ती थे. सोमवार सुबह 8:56 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड सहित देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे और शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की.
Went to Sir Ganga Ram Hospital to pay homage to Shri Shibu Soren Ji. Also met his family. My thoughts are with Hemant Ji, Kalpana Ji and the admirers of Shri Shibu Soren Ji.@HemantSorenJMM@JMMKalpanaSoren pic.twitter.com/nUG9w56Umc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2025
PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'श्री शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि देने सर गंगा राम अस्पताल गया. उनके परिवार से भी मिला. हमारी संवेदनाएं हेमंत जी, कल्पना जी और श्री शिबू सोरेन जी के समर्थकों के साथ हैं,' उन्होंने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा. 'श्री शिबू सोरेन जी एक जननेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं. वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से समर्पित थे. उनके निधन से दुःखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. इस दुखद समय में हम उनके प्रियजनों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की. ओम शांति."
दिशोम गुरुजी की राजनीतिक यात्रा
शिबू सोरेन को 'दिशोम गुरुजी' के नाम से जाना जाता था. वे झामुमो के संस्थापक संरक्षक थे और झारखंड की राजनीति में एक निर्णायक शक्ति रहे. आदिवासी अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे सोरेन का राजनीतिक जीवन प्रेरणादायक रहा. 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में जन्मे शिबू सोरेन ने 18 वर्ष की आयु में 'संथाल नवयुवक संघ' की स्थापना की थी.
झारखंड को अलग राज्य बनाने की लड़ाई
1972 में उन्होंने ए.के. रॉय और बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सह-स्थापना की. यह पार्टी झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा दिलाने और आदिवासियों की भूमि की रक्षा के लिए बनाई गई थी. झामुमो की यह लड़ाई अंततः 2000 में झारखंड राज्य के गठन के साथ सफल हुई.
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. उनका पहला कार्यकाल 2 मार्च से 12 मार्च 2005 तक केवल 10 दिनों का रहा. इसके बाद वे 2008 से 2009 और फिर 2009 से 2010 तक मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा, वे तीन बार केंद्रीय कोयला मंत्री भी बने.
लंबे समय से थे बीमार
शिबू सोरेन पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे. किडनी संबंधी समस्याओं के अलावा उन्हें छह सप्ताह पहले स्ट्रोक भी आया था और अंतिम दिनों तक वे जीवन रक्षक प्रणाली पर थे.
परिवार और राजनीतिक विरासत
उनके परिवार में पत्नी किस्कू, तीन बेटे दुर्गा, हेमंत और बसंत और एक बेटी अंजलि हैं. उनके सबसे छोटे बेटे हेमंत सोरेन झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.


