हिमाचल में मॉनसून का कहर, 249 सड़कें बंद, 750 से ज्यादा पेयजल योजनाएं ठप
हिमाचल प्रदेश में बारिश से 249 सड़कें बंद, 750 से अधिक पेयजल योजनाएं हुए प्रभावित.

Himachal Pradesh Rainfall: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. शिमला से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में कुल 249 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 207 अकेले मंडी जिले में हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी साझा की, जिससे लोगों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEC) के अनुसार, भारी बारिश ने न केवल सड़कों को प्रभावित किया है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. चालू मानसून सीजन में अब तक 751 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है. इसके साथ ही, मौसम विभाग ने 18 जुलाई तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है.
मंडी में भूस्खलन ने रोका रास्ता
शुक्रवार देर रात मंडी जिले के पंडोह बांध के पास कैंची मोड़ पर हुए भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का मंडी-कुल्लू खंड लगभग 10 घंटे तक बंद रहा. इस दौरान पहाड़ी से गिरे मलबे और पत्थरों ने यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया. यात्रियों को वैकल्पिक कटोला-कमंद मार्ग से भेजा गया. अधिकारियों ने बताया, 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सड़क को साफ कर एकतरफा यातायात शुरू किया गया.
राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर भारी वाहनों का आना-जाना बंद
भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 3 के मंडी से धरमपुर वाया कोटली मार्ग को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है. लगातार बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया. इससे मालवाहक वाहनों और लंबी दूरी के यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा में देरी हो रही है.
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, मानसून की बारिश ने बिजली और जलापूर्ति योजनाओं को भी प्रभावित किया है. वर्तमान में 463 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर और 781 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं. यह स्थिति ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन को और कठिन बना रही है.
अबतक के बारिश का आंकड़ा
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है. मुरारी देवी में शुक्रवार शाम से 126 मिमी बारिश हुई, जबकि पंडोह में 79 मिमी, स्लैपर में 67.7 मिमी, कोठी में 60.4 मिमी, मंडी में 53.2 मिमी, जोगिंदरनगर में 53 मिमी, भुंतर में 47.6 मिमी, भराड़ी में 40 मिमी, सराहन में 35 मिमी, नेरी में 34 मिमी और सुंदरनगर में 30.4 मिमी बारिश हुई. इसके साथ ही, सुंदरनगर, मुरारी देवी, भुंतर और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि नेरी, सेओबाग और कुकुमसेरी में 39 से 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं.
मानसून में अब तक 92 लोगों की मौत
मानसून की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश में 92 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 56 लोग वर्षाजनित घटनाओं में और 36 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं. इसके अलावा, 172 लोग घायल हुए हैं और 33 लोग अभी भी लापता हैं. 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि को मंडी के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में 27 लोग बह गए थे. इनमें से 15 लोगों की मौत हो चुकी है, और बाकी की तलाश में खोज अभियान जारी है.
मौसम विभाग का येलो अलर्ट
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 18 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश के 12 में से चार से दस जिलों में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया है. यह अलर्ट बारिश से संबंधित आपदाओं, जैसे भूस्खलन और बाढ़, के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी देता है.
मौसम ने बढ़ाई आपदाएं
एसईओसी के अनुसार, इस मानसून सीजन में राज्य में 26 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है. इस दौरान 31 बार अचानक बाढ़, 22 बार बादल फटने और 17 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. इन आपदाओं ने न केवल सड़कों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है.


