जल रहा मुर्शिदाबाद! हिंदू कर रहे हैं पलायन, वक्फ विरोध पर क्यों चुप हैं ममता?
वक्फ संपत्तियों के शोषण को समाप्त करने के लिए एक विधायी सुधार के रूप में जो पारित किया गया था, उसने अब भारत के कुछ हिस्सों में गहरी जड़ें जमाए कट्टरपंथी मानसिकता को उजागर कर दिया है.

हाल ही में लागू हुए वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा हिंसा मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में देखी गई. इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कई शहरों में तनाव और संघर्ष उत्पन्न हुए, जिससे हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया और संपत्तियों को लूटा गया.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार की नमाज़ के बाद, एक मुस्लिम भीड़ ने हिंसा का तांडव किया. प्रदर्शनकारियों ने हिंदू परिवारों को उनके घरों से बाहर किया, दुकानों को लूटा और सड़कों पर आगजनी तथा पथराव किया. इस हिंसा के एक चौंकाने वाले वीडियो में एक व्यक्ति को खुलेआम "हिंदू कुत्ते हैं" कहते हुए सुना गया. इस घटना के बाद पुलिस ने 150 से अधिक गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है.
विरोध का राष्ट्रीय प्रसार: प्रमुख शहरों में हिंसक प्रदर्शन
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के अलावा, मुंबई, कोलकाता, पटना, हैदराबाद, लखनऊ, सिलचर और होसुर जैसे विभिन्न शहरों में भी विरोध प्रदर्शन भड़क उठे. हैदराबाद में प्रदर्शनकारियों ने सीएम रेवंत रेड्डी से कानून को खारिज करने की मांग की, जबकि असम के सिलचर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की. हालांकि, दिल्ली की जामा मस्जिद में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
भाजपा का रुख: वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत
भाजपा ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही लाता है. भाजपा का कहना है कि पहले वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया और यह संपत्तियां गरीब मुसलमानों तक नहीं पहुंच पाई. भाजपा नेता इसे वंशवादी मौलवियों और भू-माफियाओं के एकाधिकार को तोड़ने वाला कदम मानते हैं. भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस, टीएमसी और एआईएमआईएम केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा फैलाए गए नफरत भरे भाषणों और हिंसा की निंदा नहीं कर रहे.
ममता बनर्जी की चुप्पी पर भाजपा का हमला
भाजपा ने ममता बनर्जी की चुप्पी पर कड़ा हमला किया. भाजपा नेता तरुण चुघ ने ममता को "आधुनिक जिन्ना" बताते हुए आरोप लगाया कि वह अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं की सुरक्षा से समझौता कर रही हैं. भाजपा के शहजाद पूनावाला ने इसे राज्य प्रायोजित हिंसा कहा और टीएमसी को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया. भाजपा ने सवाल उठाया, "ममता बनर्जी ने हिंदू विरोधी हिंसा की निंदा क्यों नहीं की?"
भाजपा का रुख: कानून वापस नहीं होगा
इस सबके बीच, मोदी सरकार वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह कानून और व्यवस्था को बेहतर करने, धार्मिक भ्रष्टाचार को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही है. इसके बजाय, भाजपा ने 20 अप्रैल से 5 मई तक 'वक्फ सुधार जागरूकता अभियान' शुरू करने की घोषणा की है, जिसमें मुस्लिम समुदाय को इस संशोधित कानून के लाभ और सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया जाएगा.