ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका, संघीय अदालत ने भारतीय छात्र के वीजा रद्द करने और निर्वासन पर रोक लगाई

22 नवंबर 2024 को जब इसारदानी अपने दोस्तों के साथ बाहर गया था, तो उसका दूसरे समूह से झगड़ा हो गया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. इसके बाद वीजा रद्द करने की कार्रवाई की गई. इस संबंध में वकील शबनम लोतफी ने अस्थायी निरोधक आदेश के लिए अदालत में अपील दायर की.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका: अमेरिका की संघीय अदालत ने भारतीय छात्र का वीजा रद्द करने के मामले में ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका दिया है. एक संघीय न्यायाधीश ने 21 वर्षीय भारतीय छात्र का वीज़ा निरस्तीकरण और निर्वासन रोक दिया है. अदालत ने होमलैंड सुरक्षा विभाग को आदेश लागू करने का आदेश दिया है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के छात्र कृष्ण लाल इसरदासानी का छात्र वीजा 4 अप्रैल को रद्द कर दिया गया था. उसे मई में कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री मिलनी थी.

बहस के बाद गिरफ्तार

इससे पहले 22 नवंबर 2024 को जब इसारदानी अपने दोस्तों के साथ बाहर गया था, तो उसका दूसरे समूह से झगड़ा हो गया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. इसके बाद वीजा रद्द करने की कार्रवाई की गई. इस संबंध में मैडिसन की वकील शबनम लोतफी ने अस्थायी निरोधक आदेश के लिए अदालत में अपील दायर की. वकील ने कहा कि इसारदासानी का रिकॉर्ड सरकार के छात्र एवं विनिमय आगंतुक कार्यक्रम डेटाबेस से हटा दिया गया था. इस संबंध में उन्हें न तो कोई चेतावनी दी गई और न ही उन्हें अपना पक्ष रखने या अपना बचाव करने का अवसर दिया गया. SEVIS में उनके F-1 छात्र वीज़ा रिकॉर्ड नष्ट कर दिए जाने से पहले किसी भी संभावित गलतफहमी को दूर करने का कोई अवसर नहीं दिया गया.

अगली सुनवाई 28 अप्रैल को

मामले की सुनवाई के दौरान, डेन काउंटी के जिला अटॉर्नी इस्माइल ओज़ान ने इसारदासानी पर आरोप लगाने से इनकार कर दिया. हालाँकि, इस दौरान वह अदालत में पेश नहीं हुए. इसके बाद, विस्कॉन्सिन के पश्चिमी जिले के न्यायाधीश विलियम कॉनले ने फैसला सुनाया कि इसारदासानी को किसी भी अपराध का दोषी नहीं ठहराया गया है. उन्होंने अगली सुनवाई की तारीख 28 अप्रैल तय की है.

निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की

वकील लोतफी ने बताया कि देशभर में लगभग 1,300 छात्रों के एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीआईएस) रिकॉर्ड अचानक समाप्त कर दिए गए. लोतफी की सहयोगी वेरोनिका सास्टिक ने कहा, "हम आभारी हैं कि कानून और न्याय का शासन स्थापित हो गया है." सरकार के पास निर्दोष अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की शिक्षा समाप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और हमें खुशी है कि अदालत ने इस पर ध्यान दिया.

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16 April 2025, 03:05 PM IST

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