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शरद पवार ने भतीजे अजित से मिलाया हाथ? MVA में फूट के बाद कांग्रेस-उद्धव ने फटाफट बना लिया नया गठबंधन!

पुणे नगर निगम चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि शरद पवार और अजित पवार की एनसीपी के दोनों गुट पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में साथ चुनाव लड़ सकते हैं.

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पुणे नगर निगम चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. खबरें है कि शरद पवार और अजित पवार की एनसीपी के दोनों गुट पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में साथ चुनाव लड़ सकते हैं. इस संभावित एकजुटता से महा विकास आघाड़ी (MVA) में हलचल मच गई है, जिसके बाद कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) जल्दबाजी में करीब आ गई हैं. यह बदलाव सिर्फ स्थानीय चुनावों तक सीमित लग रहा है, लेकिन इससे राज्य स्तर पर विपक्षी एकता को झटका जरूर लगेगा. 

चाचा-भतीजा की संभावित एकता

सूत्रों के अनुसार, एनसीपी के दोनों गुटों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है. शरद पवार गुट 40-45 सीटें मांग रहा है, जबकि अजित पवार गुट 30 सीटें देने को तैयार है. अंतिम फैसला सुप्रिया सुले और अजित पवार लेंगे. यह गठबंधन सिर्फ स्थानीय चुनाव तक सीमित हो सकता है, क्योंकि राज्य स्तर पर दोनों गुट अलग-अलग हैं. अजित पवार महायुति में हैं, जबकि शरद पवार MVA का हिस्सा है.

कांग्रेस और शिवसेना का नया गठबंधन

इस बदलाव से नाराज कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने अलग रणनीति बनाई है. कांग्रेस ने शिवसेना (UBT) को औपचारिक गठबंधन का प्रस्ताव भेजा है. पुणे में 41 वार्डों की 165 सीटों पर दोनों दलों के बीच समझौता होने की उम्मीद है. कुछ रिपोर्टों में राज ठाकरे की एमएनएस को भी थोड़ी सीटें मिलने की बात है.

कांग्रेस नेता साफ कह रहे हैं कि अजित पवार गुट से गठबंधन नहीं करेंगे, क्योंकि यह पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं. बता दें, पहले अजित पवार ने कांग्रेस को ऑफर दिया था, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया. 

2017 की गलती से सबक

2017 में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और 85 उम्मीदवार उतारने के बावजूद सिर्फ 10 सीटें जीतीं. इस बार पार्टी मजबूत गठबंधन चाहती है. वहीं बीजेपी ने 22 पूर्व पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है, जिससे विपक्ष को नए उम्मीदवार ढूंढने पड़ रहे हैं.

कांग्रेस नेता मोहन जोशी ने कहा कि मुंबई की बैठक में शिवसेना के साथ गठबंधन तय हुआ है. यह घटनाक्रम दिखाता है कि स्थानीय चुनावों में गठबंधन राज्य स्तर से अलग हो सकते हैं. पुणे जैसे बड़े शहर में सत्ता की लड़ाई रोचक होगी. आने वाले दिन तय करेंगे कि विपक्ष की रणनीति कितनी कामयाब होती है.

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26 December 2025, 09:49 AM IST

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