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गुरुग्राम में गिग वर्कर्स की हड़ताल, फूड डिलीवरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित

गुरुग्राम में गिग वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का सीधा असर फूड डिलीवरी सेवाओं पर पड़ा, जिससे कई इलाकों में लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा. बेहतर वेतन, सुरक्षा और कामकाजी हालात की मांग को लेकर डिलीवरी पार्टनर्स ने काम बंद रखा.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

गुरुग्राम: गुरुग्राम में गुरुवार को गिग वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का साफ असर देखने को मिला, जहां जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों के कारण फूड डिलीवरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं. कई रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में लोगों को भोजन के ऑर्डर मिलने में लंबा इंतजार करना पड़ा, जिससे आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ रेस्तरां कारोबारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

प्रमुख ई-कॉमर्स, फूड डिलीवरी, कैब और होम सर्विस प्लेटफॉर्म से जुड़े गिग वर्कर्स बेहतर वेतन, सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों की मांग को लेकर हड़ताल पर है.. हालांकि इस विरोध का असर गुरुग्राम में ज्यादा दिखाई दिया, लेकिन दिल्ली और नोएडा में सेवाएं लगभग सामान्य रहीं और वहां बड़े पैमाने पर किसी व्यवधान की सूचना नहीं मिली.

किन इलाकों में सबसे ज्यादा असर

गुरुग्राम में हड़ताल का प्रभाव खास तौर पर सेक्टर 66 के बादशाहपुर, सोहना रोड और सेक्टर 31, 47 व 48 में देखने को मिला. इन इलाकों के निवासियों ने फूड डिलीवरी में घंटों की देरी की शिकायत की. कई जगहों पर डिलीवरी पार्टनर्स ने अपने-अपने ऐप से अस्थायी रूप से लॉग ऑफ कर दिया, जिससे सेवाएं बाधित हुईं.

कई जगहों पर एकत्र हुए डिलीवरी पार्टनर

सेक्टर 47 स्थित रोडियो ड्राइव मार्केट कॉम्प्लेक्स में करीब 70-80 डिलीवरी पार्टनर एकत्र हुए. इसी तरह के विरोध प्रदर्शन बानी स्क्वायर (सेक्टर 50), सुभाष चौक के पास आईएलडी टॉवर, इरोस सिटी स्क्वायर (सेक्टर 49) और हुडा मार्केट (सेक्टर 46) में भी देखे गए. कर्मचारियों के मुताबिक, शहर के अन्य हिस्सों में भी 50 से 100 तक गिग वर्कर्स एकजुट हुए.

कम भुगतान को लेकर नाराजगी

प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने कम वेतन को अपनी सबसे बड़ी समस्या बताया. एक डिलीवरी एग्जीक्यूटिव ने हाल ही में मिले भुगतान का स्क्रीनशॉट दिखाते हुए कहा कि करीब 11 किलोमीटर की डिलीवरी के बदले उसे सिर्फ 49 रुपये मिले. नाम न छापने की शर्त पर उसने कहा, "फूड डिलीवरी कंपनियां हमें प्रति किलोमीटर लगभग 5-6 रुपये देती हैं ... ईंधन का खर्च इसमें से काफी हिस्सा ले लेता है."

मुद्रास्फीति के हिसाब से दर बढ़ाने की मांग

एक अन्य कर्मचारी ने मौजूदा महंगाई का हवाला देते हुए कहा कि एनसीआर जैसे शहरों में गुजारा करने के लिए 10 से 14 रुपये प्रति किलोमीटर की दर जरूरी है. श्रमिकों ने प्रोत्साहन प्रणाली की भी आलोचना की, जो बड़ी संख्या में ऑर्डर पूरे करने से जुड़ी होती है. एक डिलीवरी पार्टनर ने कहा, "प्रोत्साहन आमतौर पर तब दिया जाता है जब हम 31 ऑर्डर पूरे कर लेते हैं, जो कि मुश्किल है. इसे घटाकर 25 या उससे कम किया जाना चाहिए."

सुरक्षा और काम के घंटों को लेकर चिंता

वेतन के अलावा, गिग वर्कर्स ने सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी उठाए. उनका कहना है कि सर्दियों में घने कोहरे और खतरनाक ड्राइविंग स्थितियों को देखते हुए रात 11 बजे के बाद डिलीवरी बंद की जानी चाहिए. एक प्रदर्शनकारी ने यह भी आरोप लगाया कि विरोध स्थल पर देखे जाने के बाद उसके टीम लीडर ने उसका रेट कार्ड ऐप से हटा दिया.

रेस्तरां कारोबार भी हुआ प्रभावित

हड़ताल का असर रेस्तरां कारोबार पर भी पड़ा. प्रभावित इलाके के एक रेस्तरां मालिक ने बताया कि प्लेटफॉर्म राइडर उपलब्ध न होने के कारण उन्हें अपने कर्मचारियों को डिलीवरी पर लगाना पड़ा. उन्होंने कहा, "हमारे दो राइडर सुबह से ही ऑर्डर पूरे कर रहे हैं, और प्रत्येक ऑर्डर में कम से कम दो घंटे लग रहे हैं. विरोध प्रदर्शनों के कारण आज हमें केवल 15 ऑर्डर ही मिले."

यूनियन की प्रमुख मांगें

गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विस वर्कर्स यूनियन की मांगों में वैधानिक न्यूनतम मजदूरी के बराबर आय सुरक्षा, राइड-हेलिंग ड्राइवरों के लिए 20 रुपये प्रति किलोमीटर से कम न होने वाली दर, आठ घंटे का कार्यदिवस, ओवरटाइम वेतन और आपात स्थितियों में मदद करने वाला प्रभावी बीमा शामिल है.

दिल्ली-नोएडा में असर सीमित

इसके उलट दिल्ली और नोएडा में सेवाएं काफी हद तक सामान्य रहीं. यूनियन ने दिल्ली से कुछ जमावड़ों की तस्वीरें जरूर साझा कीं, लेकिन दोनों शहरों में लोगों ने डिलीवरी या कैब सेवाओं में किसी बड़ी देरी की शिकायत नहीं की. जहां कहीं हल्की देरी हुई, उसे सीधे तौर पर हड़ताल से नहीं जोड़ा जा सका.

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26 December 2025, 09:15 AM IST

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