NEET-UG 2025: दो मिलियन से ज्यादा छात्रों ने रचा नया रिकॉर्ड
देश भर के कॉलेजों में स्नातक चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश के लिए रविवार को दो मिलियन से अधिक छात्र NEET-UG 2025 के लिए उपस्थित हुए.

देशभर के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG 2025) रविवार को संपन्न हुई. इस साल 2.08 मिलियन (20.8 लाख) से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी, जिसे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने 548 शहरों और 14 अंतरराष्ट्रीय केंद्रों पर 5,453 परीक्षा केंद्रों में आयोजित किया.
परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक एक पाली में पेन-एंड-पेपर मोड में कराई गई. इसमें छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 180 बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देना था. पिछली परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के बाद इस बार एनटीए ने परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था लागू की थी.
देशभर में NEET-UG 2025 का आयोजन
एनटीए ने केंद्र सरकार, राज्य प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों के सहयोग से "पूरी सरकार" के दृष्टिकोण को अपनाया. परीक्षा की निगरानी केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष के जरिए रीयल टाइम में की गई. 3 मई को सभी व्यवस्थाओं की परख के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसमें जैमर, बायोमेट्रिक सिस्टम और तलाशी प्रक्रियाओं का परीक्षण किया गया.
20 लाख से अधिक छात्रों ने दी परीक्षा
छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पानी, बिजली, शौचालय और प्राथमिक उपचार जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. गर्मी को देखते हुए विशेष प्रबंध भी किए गए. फर्जी दावों और पेपर लीक की अफवाहों से निपटने के लिए एनटीए ने 26 अप्रैल को एक रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया, जिस पर 2,300 से अधिक शिकायतें मिलीं. इनमें 160 टेलीग्राम चैनल और 30 इंस्टाग्राम अकाउंट्स की पहचान की गई, जो झूठी सूचनाएं फैला रहे थे. इन मामलों को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को भेजा गया है.
रिकॉर्डतोड़ संख्या में छात्रों की भागीदारी
हालांकि सख्त प्रबंधों के बावजूद कुछ स्थानों पर धोखाधड़ी और विवाद की खबरें आईं. राजस्थान में एक अभ्यर्थी से पेपर दिलाने के नाम पर 40 लाख की ठगी के आरोप में तीन गिरफ्तार हुए. भुवनेश्वर में मेडिकल एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले चार लोगों के गिरोह को पकड़ा गया. इन दोनों मामलों की जांच अब CBI को सौंप दी गई है.
ड्रेस कोड को लेकर भी विवाद
तमिलनाडु के तिरुपुर में दो छात्राओं को धातु के बटन वाले कपड़े पहनने पर परीक्षा केंद्र में घुसने से रोका गया. एक पुलिस अधिकारी ने छात्रा को नए कपड़े खरीदने में मदद की, लेकिन इस घटना पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. कर्नाटक के कलबुर्गी में ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने विरोध किया, जब छात्रों से प्रवेश से पहले पवित्र धागा (जनेऊ) हटाने को कहा गया. इसे सांस्कृतिक अपमान बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने कार्रवाई की मांग की.


