NEET-UG पेपर लीक: SC ने बताया दोबारा क्यों नहीं हो सकती परीक्षा, दिए ऐसे सुझाव की कभी न हो कांड
NEET UG 2024: लाखों स्टूडेंट्स का इंतजार खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी मामले पर फैसला सुना दिया है. 5 मई को हुई नीट यूजी परीक्षा विवादों के साये में है. नीट यूजी पेपर लीक से शुरू हुआ मामला नकल और रिजल्ट में हेरा-फेरी जैसे आरोपों से भी घिर गया था. SC ने पेपर लीक, गलत प्रश्नपत्र के वितरण और भौतिकी के एक प्रश्न के गलत विकल्प के लिए अंक देने के मामले में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ढुलमुल नीति की आलोचना की.

NEET UG 2024: देश में हुए नीट पेपर स्कैम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों से सुनवाई चल रही है. इस पर अब कोर्ट ने अपना फाइनल फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं हैं. पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है. हमने ढांचागत खामियों की ओर ध्यान दिया है. कोर्ट ने कहा कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है.
इसके साथ ही कोर्ट कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि अगर किसी की शिकायत का सामाधान सुप्रीम कोर्ट में नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है. कोर्ट ने माना कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है. सुनवाई में आगे कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए. साथ ही इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं.
कोर्ट ने दिए तौर-तरीके बदलने का निर्देश
इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनवाई में एनटीए को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच तय करे. प्रश्न पत्रों के संचालन, आदि की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जानी चाहिए. पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का यूज किया जाना चाहिए. इसके साथ ही प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा चाहिए. अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके. इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके.
सीबीआई जांच में हुआ खुलासा
बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने अपनी जांच की थी. जिसमें पाया कि झारखंड के हजारीबाग और पटना से पेपर लीक हुआ था. इसके साथ ही EOU से रिपोर्ट पर सीबीआई ने सीक्वेसिंग करनी शुरू की थी. सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था. इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद, आयुष राज, नीतीश कुमार, रॉकी, अखिलेश और बिट्टू शामिल है.
पटना के कई इलाकों में छापेमारी
अपनी जांच में सीबीआई ने सबसे पहले पटना में तीन ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान सिकंदर यादवेंदु के फ्लैट पर पहुंची. उसके उसके बाद लर्न एंड प्ले स्कूल और उसके बॉयज हॉस्टल में भी दबिश दी गई. NH गेस्ट हाउस में भी तलाशी ली गई. ये वो स्थान हैं, जिनका संबंध नीट पेपर लीक कांड के आरोपियों से है. पटना में खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में संजीव मुखिया में स्टूडेंट्स को ठहराया था. आरोप है कि यहीं 35 छात्रों को बैठाकर प्रश्न पत्र के उत्तर याद करवाए गए थे.