पाकिस्तान जासूसी नेटवर्क पर NIA का बड़ा एक्शन, 8 राज्यों में एक साथ छापेमारी, और खुल सकते हैं राज
एनआईए यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. देश के 8 राज्यों में एक साथ 15 जगहों पर छापे मारे गए. इस दौरान कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, दस्तावेज और संदिग्ध सामान बरामद हुए हैं.

पाकिस्तान से संचालित जासूसी नेटवर्क के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया. देश के 8 राज्यों में 15 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई. एनआईए की यह कार्रवाई भारत विरोधी आतंकी साजिश की जांच के तहत की गई है, जिसमें पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे जासूसों के तार सामने आए हैं.
छापेमारी के दौरान एनआईए को कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली है. एजेंसी अब इन सबूतों की गहराई से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि इन सबूतों से जासूसी नेटवर्क की जड़ें और गहरी उजागर हो सकती हैं.
8 राज्यों में एक साथ छापेमारी
एनआईए ने शनिवार को दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल सहित 8 राज्यों में 15 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. ये छापे उन लोगों के परिसरों पर मारे गए, जिन पर पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) से संबंध रखने का शक था.
PIOs से लिंक, फंडिंग के जरिये फैलाया जाल
एनआईए के मुताबिक जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई, उनके पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंटों से संपर्क थे. वे भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फाइनेंशियल चैनलों के माध्यम से पैसा प्राप्त कर रहे थे.
मई 2025 में दर्ज हुई थी यह केस
यह पूरा मामला एनआईए द्वारा 20 मई को दर्ज एक केस (RC-12/2025/NIA/DLI) से जुड़ा है. इस केस में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, जो 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान को लीक कर रहा था. बदले में उसे भारत के अंदर विभिन्न माध्यमों से पैसे दिए जा रहे थे.
किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?
एनआईए ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश), 147 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या उसे उकसाने की कोशिश), 148 (धारा 147 के तहत साजिश रचने), आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 3 और 5 तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 18 के तहत केस दर्ज किया है.
सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी
इस मामले में 26 मई को एनआईए ने सीआरपीएफ के एक जवान मोती राम जाट को भी गिरफ्तार किया था.
एनआईए के अनुसार, आरोपी जासूसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था और 2023 से पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों (PIOs) के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा कर रहा था. एजेंसी ने आगे बताया कि आरोपी को इन जानकारियों के बदले कई माध्यमों से पैसा मिल रहा था.
6 जून तक एनआईए की हिरासत में आरोपी
एनआईए ने मोती राम को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. वर्तमान में वह पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 6 जून तक एनआईए की कस्टडी में है. एजेंसी ने कहा कि एनआईए ने आरोपी से पूछताछ जारी रखी है, जिससे इस नेटवर्क के और भी गहरे तार सामने आने की उम्मीद है.


