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भारत की जलनीति से तिलमिलाया पाकिस्तान! चिनाब में 91,000 क्यूसेक पानी घटने का किया दावा

पहलागाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित करते हुए चिनाब नदी में जल प्रवाह में भारी कटौती की, जिससे पाकिस्तान में कृषि संकट गहरा गया है.

पहलागाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से ‘खून और पानी साथ नहीं बह सकते’ की बात कही गई थी. इसी बीच पाकिस्तान ने शनिवार को दावा किया कि भारत से चिनाब नदी में पानी की आवक में हाल के दिनों में 91,000 क्यूसेक की भारी गिरावट आई है. पाकिस्तान की जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (Wapda) के अनुसार, मई के अंत से जून की शुरुआत तक चिनाब नदी में भारत की ओर से पानी का प्रवाह तेजी से कम हो गया है, जिससे पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है.

पाकिस्तानी अधिकारियों ने ये भी बताया कि इस कमी का असर पहले भी मई महीने में देखा गया था, जब भारत ने जल निकासी में कटौती की थी, जो सैन्य तनाव के दौरान हुई. भारत ने 23 अप्रैल को 1960 की सिंधु जल संधि से अपनी भागीदारी निलंबित कर दी थी और तब से दोनों देशों के बीच जल विवाद और सीमा पर तनाव जारी है.

चिनाब नदी में पानी की भारी कमी

पाकिस्तान के Wapda ने बताया कि माराला हेडवर्क्स पर पानी की आवक 29 मई को 98,200 क्यूसेक से घटकर 1 जून को  सिर्फ 7,200 क्यूसेक रह गई. ये कमी पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में कृषि के लिए खतरा बन सकती है, क्योंकि चिनाब नदी के ऊपरी चिनाब और बम्बावाली-रावी-बेडियन (BRB) जैसे नहर नेटवर्क हजारों हेक्टेयर फसल की सिंचाई करते हैं.

सिंधु जल संधि निलंबन की ठोस वजह 

भारत सरकार का मानना है कि सिंधु जल संधि के तहत जल वितरण जारी रखना संभव नहीं, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. भारत के अधिकारियों ने कहा है कि संधि को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार फिर से मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, क्योंकि पाकिस्तान की लगातार शांति उल्लंघन की घटनाएं इसे असंभव बनाती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान, आतंकवाद और पानी, दोनों को साथ में नहीं चला सकता. वो आतंकवाद को बढ़ावा देते हुए जल अधिकारों का फायदा नहीं उठा सकता. 

पाकिस्तान ने जल के हथियारकरण का लगाया आरोप

पाकिस्तान ने पानी की आवक में कटौती को जल का हथियारकरण बताया है, लेकिन भारत के अधिकारी इसे अपने जल अधिकारों के तहत वैध कदम मानते हैं और कहते हैं कि ये लगातार हो रही उकसावे के जवाब में उठाया गया जरूरी कदम है.

जल विवाद के चलते भारत-पाक तनाव जारी

1960 की सिंधु जल संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों पर पूरा अधिकार है, जबकि पश्चिमी नदियों जैसे चेनाब पर आंशिक अधिकार प्राप्त हैं. भारत ने संधि से निलंबन का फैसला इस आतंकवादी घटनाक्रम और सीमा तनाव के बाद लिया था. हालांकि मई में दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ था, लेकिन जल संधि के तहत सहयोग अब तक बहाल नहीं हुआ है.

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01 June 2025, 09:33 AM IST

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