भारत-पाक तनाव पर चीन का सीधा संदेश, कहा – टकराव नहीं, शांति से हल निकालो... हम मदद को तैयार हैं!
चीन ने दोनों देशों से कहा है कि टकराव छोड़ो, बातचीत से हल निकालो. साथ ही आतंकवाद का विरोध करते हुए खुद पहल करने की बात भी कही है. क्या चीन वाकई शांतिदूत बनना चाहता है? जानिए पूरी खबर में.

India Pak Tensions: एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. सीमा पर गतिविधियों को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. ऐसे में दुनिया के कई देश इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और शांति की अपील कर रहे हैं. इन्हीं में से एक चीन ने भी अपनी चिंता जाहिर की है. चीन का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों उसके पड़ोसी हैं और वह नहीं चाहता कि हालात और बिगड़ें. चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की अपील की है.
चीन का बयान: पड़ोसी देशों में शांति जरूरी
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे, ये हकीकत कोई नहीं बदल सकता.' ये दोनों देश चीन के भी पड़ोसी हैं, इसलिए हम हालात को लेकर चिंतित हैं. हम आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ हैं और इसका कड़ा विरोध करते हैं.
On India-Pakistan tension, Chinese Foreign Ministry Spokesperson Lin Jian yesterday said, "We’ve shared China’s position yesterday on the ongoing situation between India and Pakistan. China is concerned over the current developments. India and Pakistan are and will always be each… pic.twitter.com/ay1zuOgWzV
— ANI (@ANI) May 9, 2025
उन्होंने आगे कहा कि चीन चाहता है कि भारत और पाकिस्तान शांति बनाए रखें और किसी भी ऐसे कदम से बचें जिससे हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं. उनका कहना था कि यह समय संयम दिखाने का है, न कि टकराव बढ़ाने का.
शांति के लिए मिलकर काम करने को तैयार चीन
लिन जियान ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इस तनाव को कम करने के लिए एक रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है. उनका कहना था कि यह ज़रूरी है कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें. उन्होंने साफ तौर पर कहा, "हम सभी से अपील करते हैं कि वे बड़े हितों को ध्यान में रखते हुए काम करें – जिससे इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे."
क्या है चीन का इशारा?
चीन का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाई झड़पों की खबरें आ रही हैं और दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. चीन का कहना कि वो आतंकवाद का विरोध करता है, कहीं न कहीं पाकिस्तान को इशारे में चेतावनी भी मानी जा रही है.
साथ ही, भारत को भी यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई से बचा जाए और कूटनीतिक तरीके से हल निकाला जाए.
चीन का यह बयान इस बात का संकेत है कि एशिया के बड़े देश अब युद्ध नहीं, संवाद और समाधान की बात कर रहे हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, ऐसे में जरा-सी चूक बड़े खतरे को जन्म दे सकती है. चीन की यह पहल इस दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा सकती है.
शांति, स्थिरता और सहयोग से ही दक्षिण एशिया में आगे बढ़ने का रास्ता निकलेगा – और चीन भी यही चाहता है कि दोनों पड़ोसी मिलकर इसका हल निकालें.