मुंबई में ओला, उबर और रैपिडो के ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जानिए क्यों?
मुंबई में ओला, उबर और रैपिडो ड्राइवरों की हड़ताल से यात्री परेशान हैं. ड्राइवर कम कमाई, बढ़ते खर्च और उचित नियमन की कमी के विरोध में हैं. वे किराया समानता, बाइक टैक्सी प्रतिबंध और गिग वर्कर्स एक्ट की मांग कर रहे हैं. सरकार की निष्क्रियता से समस्या और बढ़ी है.

मुंबई में 15 जुलाई से ओला, उबर और रैपिडो जैसे ऐप-आधारित कैब सेवाओं से जुड़े हजारों ड्राइवरों की हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर एयरपोर्ट, अंधेरी, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दक्षिण मुंबई जैसे इलाकों में कैब्स की भारी कमी देखी जा रही है, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
क्यों कर रहे हैं ड्राइवर विरोध?
ड्राइवरों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, ईंधन लागत और ऐप कंपनियों के भारी कमीशन के कारण उनकी आमदनी बेहद घट गई है. कई ड्राइवरों की प्रति किलोमीटर आय केवल 8 से 12 रुपये के बीच रह गई है, जो लंबे घंटों की मेहनत के बावजूद पर्याप्त नहीं है.
एक ड्राइवर ने बताया, “हम दिन में 12 घंटे सड़क पर रहते हैं, लेकिन महीने के अंत में मुश्किल से घर चलाने लायक पैसे बचते हैं.” वे मांग कर रहे हैं कि सरकार इस क्षेत्र में उचित रेगुलेशन लाकर उनकी कमाई और कार्य स्थितियों में सुधार करे.
ड्राइवरों की मुख्य मांगें क्या हैं?
इस आंदोलन का नेतृत्व महाराष्ट्र गिग कामगार मंच, महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय कामगार संघ और भारतीय गिग वर्कर्स फ्रंट जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा है. इनकी प्रमुख मांगें हैं-
ऐप-आधारित टैक्सी किराया काली-पीली टैक्सियों के बराबर किया जाए.
बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जाए.
नई काली-पीली टैक्सी और ऑटो परमिटों की संख्या पर सीमा तय की जाए.
ऐप-आधारित ड्राइवरों के लिए कल्याणकारी बोर्ड का गठन हो.
गिग वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा हेतु "महाराष्ट्र गिग वर्कर्स एक्ट" लागू किया जाए.
छूट की लागत ड्राइवरों पर न डाली जाए.
नियमन की कमी
महाराष्ट्र सरकार ने एक साल पहले ऐप-आधारित कैब सेवाओं के लिए नीति लाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. किराया निर्धारण, लाइसेंसिंग और प्रवर्तन तंत्र को लेकर तैयार मसौदा अभी भी स्वीकृति का इंतज़ार कर रहा है. इस कारण ड्राइवरों, प्लेटफॉर्म और यात्रियों के बीच आए दिन टकराव होते रहते हैं.
यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें
कैब सेवाएं ठप होने के कारण दैनिक यात्री, खासकर एयरपोर्ट जाने वाले, सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. मुंबई एयरपोर्ट ने यात्रियों को एडवाइजरी जारी कर वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी है. एयरपोर्ट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “मुंबई एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्री, कृपया कैब उपलब्धता की जांच करें और वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट की योजना बनाएं.”
आगे क्या?
18 जुलाई को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हड़ताली ड्राइवरों से बातचीत की और उन्हें 22 जुलाई तक फैसले के लिए इंतजार करने को कहा है. लेकिन तब तक हड़ताल जारी रहने की संभावना है, जिससे मुंबई की ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर दबाव बना रहेगा.


