पुरानी आदत...पाकिस्तान के आरोपों का भारत ने दिया दो टूक जवाब
India Pakistan relations: भारत ने पाकिस्तान के इस आरोप को खारिज किया कि तालिबान भारत की ओर से छद्म युद्ध लड़ रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अपने आंतरिक संकटों से ध्यान हटाने के लिए पड़ोसियों को दोष देता है. भारत ने अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट समर्थन किया.

India Pakistan relations: भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान अपनी घरेलू विफलताओं को छिपाने के लिए हमेशा दूसरों पर आरोप लगाता रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अफगान तालिबान पर भारत की ओर से छद्म युद्ध लड़ने का पाकिस्तान का आरोप न केवल बेबुनियाद है, बल्कि उसकी एक पुरानी आदत को दर्शाता है. अपने आंतरिक संकटों के लिए पड़ोसियों को दोष देना.
सीमावर्ती संघर्ष पर भारत की नजर
विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता में जायसवाल ने बताया कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया संघर्षों पर बारीकी से नजर रखे हुए है. बीते हफ्ते सीमा पर भारी गोलीबारी और पाकिस्तान के कथित हवाई हमलों के बाद दर्जनों जानें गईं. इस तनावपूर्ण स्थिति के बाद हाल ही में दोनों देशों के बीच एक अस्थायी युद्धविराम लागू हुआ है.
अफगानिस्तान की संप्रभुता का भारत ने किया समर्थन
भारत ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में स्पष्ट रूप से अफगानिस्तान का समर्थन किया और कहा कि काबुल को अपने क्षेत्रों पर पूर्ण संप्रभुता के साथ कार्य करने का अधिकार है. जायसवाल ने कहा, "पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि अफगानिस्तान अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहा है. भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूर्ण समर्थन देता है."
तालिबान से बढ़ता संपर्क
हालांकि भारत ने अब तक तालिबान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन दोनों के बीच संबंधों में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है. तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत ने यह संकेत दिया कि वह काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने की योजना बना रहा है. विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि दूतावास में तकनीकी मिशन की वापसी अगले कुछ दिनों में हो सकती है.
भारत की दो टूक प्रतिक्रिया
भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया कि तालिबान नई दिल्ली की ओर से ‘छद्म युद्ध’ लड़ रहा है. एक टेलीविजन इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि युद्धविराम कायम रहेगा क्योंकि तालिबान अब दिल्ली के इशारों पर काम कर रहा है." इस बयान को भारत ने पूरी तरह खारिज करते हुए इसे पाकिस्तान की रणनीतिक विफलता और अफगानिस्तान के साथ खराब संबंधों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया.
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का कड़ा रुख
भारत ने दोहराया कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को पनाह देता आया है और उनकी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है. चाहे वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) हो या अन्य संगठन, इनकी गतिविधियां खुद पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं.


