कुलगाम में ऑपरेशन 'अखल' की बड़ी कामयाबी, लश्कर का टॉप आतंकी हारिस नजीर ढेर
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल जंगल में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ा ऑपरेशन चलाया है. इस ऑपरेशन में दो आतंकी मारे गए, जिनमें एक लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा पुलवामा निवासी हारिस नजीर था. ‘ऑपरेशन अखल’ शुक्रवार शाम से जारी है और सुरक्षाबलों ने अभी भी इलाके को घेर रखा है.

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन अखल’ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. देवसर इलाके के अखल जंगल में शुक्रवार शाम शुरू हुई इस संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया गया है. इनमें से एक की पहचान पुलवामा निवासी हारिस नजीर के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और सुरक्षा एजेंसियों की ‘कैटेगरी-C’ लिस्ट में शामिल था.
यह ऑपरेशन भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत शुरू हुआ था. आतंकियों की मौजूदगी की पक्की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया. घना जंगल होने और अंधेरे के कारण ऑपरेशन में चुनौतियां थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभालते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया.
मुठभेड़ में तब्दील हुआ तलाशी अभियान
शुक्रवार को शुरू हुआ यह तलाशी अभियान जैसे ही अखल के घने जंगल में आगे बढ़ा, छिपे हुए आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी मोर्चा संभाला और जबरदस्त फायरिंग हुई. इसी दौरान एक आतंकी मारा गया. इसके बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया.
OP AKHAL, Kulgam
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) August 1, 2025
Contact established in General Area Akhal, Kulgam. Joint Operation in progress.#Kashmir@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/d2cHZKiC61
तड़के 4 बजे फिर हुई भारी गोलीबारी
अधिकारियों के मुताबिक, रातभर रुक-रुक कर फायरिंग होती रही. शनिवार सुबह लगभग 4 बजे 20 मिनट तक भीषण गोलीबारी हुई, जिसके बाद स्थिति कुछ देर के लिए शांत हो गई. अंधेरे के कारण रात में खोजी अभियान को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा, लेकिन सुबह होते ही सुरक्षा बलों ने फिर से कार्रवाई शुरू की.
अब भी घने जंगल में छिपे हो सकते हैं आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कम से कम 2 से 3 विदेशी आतंकी अभी भी जंगल के अंदर फंसे हो सकते हैं. जवान लगातार फायरिंग कर रहे हैं ताकि आतंकियों को बाहर निकलने से रोका जा सके. पूरे इलाके में भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है और जंगल के हर कोने की सघन तलाशी ली जा रही है.
हाल ही में तेज हुए हैं काउंटर-टेरर ऑपरेशन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंक विरोधी अभियानों की रफ्तार बढ़ गई है। कुछ दिन पहले ही पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया था, जिसमें दो आतंकी मारे गए थे। ये दोनों कौलसियान-गुलपुर सेक्टर से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
#Encounter has started at Akhal area of district #Kulgam. SOG, J&K Police, Army and CRPF on job. Further details shall follow.@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) August 1, 2025
बारूदी सुरंग में धमाका
इससे पहले 25 जुलाई को कृष्णा घाटी सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान बारूदी सुरंग के विस्फोट में भारतीय सेना के अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए थे. हालांकि जुलाई में हिंसा की घटनाएं वसंतकाल की तुलना में कम रही हैं, लेकिन जून के मुकाबले आंकड़े बढ़े हैं. जून में केवल दो आतंकियों की मौत हुई थी और कोई नागरिक या सुरक्षा बल हताहत नहीं हुआ था.
आतंक खत्म करके ही रहेंगे
कुलगाम में जारी ऑपरेशन अखल और अन्य हालिया मुठभेड़ों से सरकार की यह मंशा साफ झलकती है कि जम्मू-कश्मीर से आतंक का सफाया हर हाल में किया जाएगा. सुरक्षा बलों ने ऐलान किया है कि इलाके में छिपे आखिरी आतंकी को भी ढूंढ़ कर खत्म किया जाएगा और क्षेत्र में शांति बहाल की जाएगी.
नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता
अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. घने जंगल में ऑपरेशन चल रहा है ताकि आबादी वाले इलाकों में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके.


