730 युद्धपोत और 61 पनडुब्बियां... इस देश के पास है दुनिया की सबसे शक्तिशाली नेवी, समुद्री ताकत के मामले में अमेरिका-रूस भी पीछे
चीन की नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर नेवी है. अब उसके पास 730 से ज्यादा युद्धपोत, 61 पनडुब्बियां और अत्याधुनिक हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट करियर मौजूद हैं. चीन की यह बढ़ती समुद्री ताकत अब अमेरिका और रूस दोनों के लिए चुनौती बन चुकी है.

Worlds Most Powerful Navy: जब बात वैश्विक सैन्य ताकत की होती है तो सबसे पहले अमेरिका का नाम दिमाग में आता है. लेकिन नेवी यानी नौसेना के मामले में अब अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन सबसे आगे निकल चुका है. आंकड़ों की मानें तो चीन के पास फिलहाल 730 युद्धपोत हैं और ये संख्या अमेरिका व रूस दोनों से कहीं ज्यादा है. चीन की यह शक्ति सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक तैयारी और तकनीकी विकास में भी नजर आती है.
चीन की नौसेना, जिसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) कहा जाता है, दिन-ब-दिन अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. अब यह सिर्फ क्षेत्रीय समुद्री शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने वाली ब्लू वॉटर नेवी बन चुकी है. PLA की यह तैयारी अमेरिका समेत दुनिया की तमाम बड़ी ताकतों के लिए चुनौती बनती जा रही है.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की ताकत
वर्तमान में चीन के पास करीब 730 युद्धपोत, 61 पनडुब्बियां और 3 एयरक्राफ्ट करियर हैं. यह आंकड़े अमेरिका और रूस जैसे देशों को पीछे छोड़ देते हैं. आने वाले वर्षों में चीन अपने एयरक्राफ्ट करियर की संख्या को बढ़ाकर 6 तक करने की योजना पर काम कर रहा है.
80 हजार टन वजनी विमानवाहक पोत फुजियान
चीन की नौसेना के पास फुजियान एयरक्राफ्ट करियर है. इसका वजन लगभग 80,000 टन है. यह परमाणु ऊर्जा से संचालित है और चीन की समुद्री ताकत को और अधिक मजबूती प्रदान करता है. इसके माध्यम से चीन अब अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है.
2.5 लाख नौसैनिक और आधुनिक हथियारों से लैस
चीन की नौसेना में फिलहाल लगभग 2.5 लाख सैनिक कार्यरत हैं. इसके अलावा नौसेना के पास लगभग 700 से ज्यादा विमान हैं, जिनमें आधुनिक J-15 और J-35 फाइटर जेट्स शामिल हैं. चीन की नौसेना के पास YJ-18 और YJ-21 जैसी एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं जो दुश्मन के विमानवाहक पोतों को निशाना बना सकती हैं.
ब्लू वॉटर नेवी बनने की दिशा में चीन
PLA नेवी को अब ब्लू वॉटर नेवी के रूप में विकसित किया जा रहा है. यानी ऐसा नौसैनिक बल जो सिर्फ अपने क्षेत्रीय समुद्रों तक सीमित नहीं, बल्कि दुनिया के किसी भी हिस्से में ऑपरेशन करने में सक्षम हो. चीन की यह रणनीति वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक PLA को दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर सेना माना गया है. लेकिन कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि PLA अब रूस से भी ज्यादा शक्तिशाली हो चुकी है. चीन के पास लगभग 20 लाख सक्रिय सैनिक हैं और उसके पास अत्याधुनिक तकनीक और सैन्य ढांचा भी तेजी से विकसित हो रहा है.
PLA की आधुनिक इकाइयां और साइबर फोर्स
चीनी सेना के पास सिर्फ पारंपरिक बल ही नहीं, बल्कि एयरोस्पेस फोर्स, साइबरस्पेस फोर्स, इंफॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स और जॉइंट लॉजिस्टिक्स सपोर्ट फोर्स जैसी अत्याधुनिक इकाइयां भी मौजूद हैं. PLA की रॉकेट फोर्स परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों का संचालन करती है, जो किसी भी हमले का त्वरित जवाब देने में सक्षम है.
चीन के पास कितने परमाणु हथियार?
चीन के पास 600 से अधिक परमाणु हथियार और 1,400 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. साथ ही उसकी सेना जल, थल और नभ तीनों स्थानों से परमाणु हमले करने में सक्षम है. PLA की ग्राउंड फोर्स यानी PLAGF में 9.65 लाख सैनिक हैं जो आंतरिक सुरक्षा और सीमावर्ती संघर्षों को संभालते हैं.
PLA का रक्षा बजट और आधुनिक वायुसेना
चीन का रक्षा बजट 330 से 450 बिलियन डॉलर के बीच है. PLA एयरफोर्स में 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स शामिल हैं, जो अमेरिका की आधुनिक वायुसेना को टक्कर देने में सक्षम हैं. चीन की सेना का सपना है कि वह जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बन जाए.


