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हर साल क्यों बढ़ रही माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई? वैज्ञानिकों ने बताई चौंकाने वाली वजह

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अब और भी ऊंची हो रही है. हर साल इसमें कुछ सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है, जो वैज्ञानिकों के लिए भी हैरानी का विषय बनी हुई है. आमतौर पर पर्वतों को स्थिर माना जाता है, लेकिन एवरेस्ट की ऊंचाई में लगातार बदलाव इस धारणा को गलत साबित कर रहा है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को लेकर वैज्ञानिकों ने एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. जी हां, एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल धीरे-धीरे बढ़ रही है. यह तथ्य जितना चौंकाने वाला है, उतना ही वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित भी. कई शोधों और आंकड़ों से यह साबित हो चुका है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में हर साल कुछ सेंटीमीटर का इजाफा हो रहा है.

हर साल लाखों पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट को फतह करने का सपना देखते हैं. लेकिन अब जिस चोटी पर लोग चढ़ने के लिए जान तक की बाजी लगा देते हैं, वह धीरे-धीरे और ऊंची होती जा रही है. इसकी वजह धरती की सतह के नीचे चल रही हलचलों में छुपी है, जो वैज्ञानिकों और भूगर्भशास्त्रियों के लिए शोध का बड़ा विषय बन चुकी है.

बढ़ रही एवरेस्ट की ऊंचाई

माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ने की सबसे अहम वजह है धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल. वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह एक ठोस परत की तरह नहीं है, बल्कि यह कई विशाल टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है, जो लगातार हिलती रहती हैं.

एवरेस्ट जिस हिमालय पर्वतमाला का हिस्सा है, वह भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के आपसी दबाव से बनी है. ये दोनों प्लेटें आज भी एक-दूसरे की तरफ धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, जिसके चलते हिमालय और खासकर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है.

भूकंपों का असर भी अहम भूमिका में

माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव का दूसरा बड़ा कारण है भूकंप. खासकर हिमालयी क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश में समय-समय पर आने वाले भूकंप इन पर्वतों की संरचना को प्रभावित करते हैं. भूकंप के दौरान प्लेटों के बीच दबाव बढ़ता है, जिससे पहाड़ों की ऊंचाई में हल्का बदलाव आ सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के बाद पर्वत संरचना में मामूली उठा-पटक होती है, जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को भी प्रभावित करती है.

वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं निगरानी

माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर नजर रखने के लिए वैज्ञानिक लगातार जीपीएस तकनीक और उपग्रह चित्रों की मदद ले रहे हैं. साल 2020 में नेपाल और चीन ने मिलकर एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8,848.86 मीटर घोषित की थी, जो पहले के आंकड़ों से अधिक थी. यह बदलाव वैज्ञानिकों के अनुमान को एक बार फिर सही साबित करता है कि माउंट एवरेस्ट वाकई हर साल ऊंचा होता जा रहा है.

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02 August 2025, 01:59 PM IST

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