बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड का रहस्यमयी फैलाव, कहां जा रहा है हमारा अंतरिक्ष?
ब्रह्मांड का विस्तार इतना रहस्यमय और विशाल है कि इस पर न सिर्फ वैज्ञानिकों, बल्कि आम लोगों के मन में भी सवाल उठते हैं. इसे समझने के लिए हमें ब्रह्मांड, उसके जन्म, और इसके फैलाव की प्रकृति पर ध्यान देना होगा.

Expansion Of Universe: ब्रह्मांड का अद्भुत विस्तार एक ऐसा रहस्य बन चुका है, जो आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ है. अरबों गैलेक्सियों वाला हमारा यह ब्रह्मांड निरंतर फैल रहा है, और इसकी गति दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है. बिग बैंग से लेकर अब तक, यह विशाल फैलाव जस का तस जारी है, और हमारे जैसे छोटे ब्रह्मांडीय शरीर, जैसे कि मिल्की वे गैलेक्सी, भी हर सेकंड 650 किमी की गति से अपनी जगह से आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि यह फैलाव आखिरकार हो कहां रहा है? क्या यह वैक्यूम में, यानी खाली स्थान में हो रहा है? इस रहस्य को सुलझाने की दिशा में वैज्ञानिक लगे हुए हैं.
ब्रह्मांड
ब्रह्मांड वह विशाल और अद्वितीय क्षेत्र है जिसमें पृथ्वी, तारे, ग्रह, चांद और हर वह वस्तु शामिल है जो अस्तित्व में है. इसे अनंत कहा जाता है, क्योंकि इसका आकार मापने के लिए हमारे पास कोई पैमाना नहीं है. ब्रह्मांड का कोई ओर-छोर नहीं है और इसका कोई स्पष्ट केंद्र भी नहीं है. इस विशालता और अनंतता की कल्पना करने के लिए शब्दों की सीमाएं भी छोटी पड़ जाती हैं.
ब्रह्मांड का जन्म
वैज्ञानिक ब्रह्मांड के जन्म के बारे में बिग बैंग थ्योरी पर विश्वास करते हैं. इस सिद्धांत के अनुसार, लगभग 13.8 अरब साल पहले, ब्रह्मांड एक अत्यंत गर्म और सघन बिंदु (जिसे 'पॉइंट ऑफ सिंगुलैरिटी' कहा जाता है) में सिमटा हुआ था. अचानक यह बिंदु बिखर गया और यहीं से ब्रह्मांड की रचना शुरू हुई. लेकिन, इस घटना से जुड़ा एक और सवाल है: 'कुछ नहीं' से 'कुछ' कैसे उत्पन्न हुआ? अगर समय और आयाम का अस्तित्व ही नहीं था तो यह बिंदु कहां से आया था? यह अब भी एक अनसुलझा रहस्य है.
ब्रह्मांड का फैलाव
साल 1929 में वैज्ञानिक एडविन हब्बल ने यह पहली बार बताया था कि ब्रह्मांड स्थिर नहीं है, बल्कि यह निरंतर फैल रहा है. उन्होंने देखा कि हमारी गैलेक्सी से दूर स्थित अन्य गैलेक्सियां हमसे दूर जा रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि जो गैलेक्सी जितनी अधिक दूर है, वह उतनी ही तेजी से हमसे दूर भाग रही है.
इसके कारण को समझने के लिए एक आसान उदाहरण लिया जा सकता है. यदि आप एक गुब्बारे पर डॉट्स बना कर उसे फुलाते हैं, तो आप देखेंगे कि डॉट्स आपस में दूर जा रहे हैं. ठीक इसी तरह, ब्रह्मांड भी फैल रहा है, लेकिन इसका कोई बाहरी किनारा नहीं है. ब्रह्मांड के बाहर कुछ भी नहीं है, यह स्वयं में एक बंद और विशाल प्रणाली है.
गैलेक्सियों के बीच की दूरी बढ़ रही है
ब्रह्मांड के फैलने का मतलब है कि गैलेक्सियों के बीच की दूरी लगातार बढ़ रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जो गैलेक्सियां हमसे बहुत दूर हैं, वे प्रकाश की गति से भी तेज रफ्तार से हमसे दूर जा रही हैं. इसका मतलब यह है कि ब्रह्मांड का फैलाव एक समान गति से हो रहा है, और इसका कोई भी केंद्र नहीं है.
ब्रह्मांड का विस्तार रूप
एक आसान तरीके से इसे समझने के लिए हम ब्रेड बेकिंग का उदाहरण ले सकते हैं. मान लीजिए, ब्रेड को ब्रह्मांड और उसमें लगी किसमिस को गैलेक्सी मान लिया जाए. जब ब्रेड फूलती है, तो किसमिस एक-दूसरे से दूर चली जाती हैं. ठीक वैसे ही, गैलेक्सियां अपनी जगह पर हैं, लेकिन उनके बीच की दूरी बढ़ रही है क्योंकि स्पेस का विस्तार हो रहा है.
ब्रह्मांड क्यों फैल रहा है?
शुरुआत में वैज्ञानिकों का मानना था कि गुरुत्वाकर्षण ब्रह्मांड के फैलाव को रोक देगा, लेकिन बाद में यह पता चला कि ब्रह्मांड का फैलाव न केवल रुकने वाला नहीं है, बल्कि तेजी से बढ़ रहा है. इसका कारण है एक रहस्यमयी ताकत जिसे डार्क एनर्जी कहा जाता है. डार्क एनर्जी वह शक्ति है जो गुरुत्वाकर्षण के विपरीत काम करती है और स्पेस को बाहर की ओर धकेलती है.


