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बिहार में नई वोटर लिस्ट पर बवाल, तेजस्वी यादव बोले- मेरा नाम ही गायब कर दिया गया!

बिहार की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम नई मतदाता सूची से हटा दिया गया है. पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने न सिर्फ अपना अनुभव साझा किया, बल्कि चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

बिहार में नई मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी होने के बाद सियासत में बड़ा तूफान आ गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि उनका नाम ही नई वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. उन्होंने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे को सार्वजनिक किया और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए.

तेजस्वी यादव का यह बयान सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि न सिर्फ उनका, बल्कि लाखों मतदाताओं के नाम बिना सूचना के सूची से हटा दिए गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया और आयोग को "गोदी आयोग" तक कह डाला.

वोटर लिस्ट में नाम न होने का तेजस्वी का दावा

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “BLO हमारे घर आया था, सत्यापन भी किया, इसके बावजूद मेरा नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया. मैंने खुद फॉर्म SIR में भरकर जमा किया था. EPIC नंबर डालने पर भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा.” उन्होंने कहा कि अगर वे वोटर लिस्ट में नहीं हैं तो चुनाव कैसे लड़ेंगे?

पत्नी और परिवार पर भी उठाए सवाल

जब मीडिया ने उनकी पत्नी रचेल (राजश्री) के वोटर ID के बारे में पूछा, तो तेजस्वी ने कहा, “जब मेरा ही वोटर ID नहीं बना तो मेरी पत्नी का कैसे बन जाएगा?” उन्होंने यह भी बताया कि परिवार के दो सदस्यों का नाम सूची में है लेकिन एक का हटा दिया गया है.

‘हर विधानसभा से 20-30 हजार नाम हटे’

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार की हर विधानसभा क्षेत्र से करीब 20 से 30 हजार मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं. उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर लगभग 65 लाख नाम हटाए गए हैं जो कि कुल मतदाताओं का करीब 8.5% हिस्सा है. आयोग ने सूची दी है, लेकिन उसमें न पता है, न बूथ नंबर और न ही EPIC नंबर, जिससे यह पता ही नहीं चल पा रहा कि किनके नाम हटाए गए हैं.

चुनाव आयोग पर जमकर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने कहा, “निर्वाचन आयोग अब एक गोदी आयोग बन चुका है. सूची में पारदर्शिता नहीं है. मतदाताओं को नाम हटाने से पहले कोई सूचना नहीं दी गई, न ही अपील का कोई मौका मिला. आयोग टारगेटेड तरीके से नाम हटा रहा है. आखिर इतना बड़ा फैसला बिना फिजिकल वेरिफिकेशन के कैसे लिया गया?

‘चुनाव पहले से तय हैं तो फिर प्रक्रिया क्यों?’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “अगर पहले से ही तय है कि किसे सरकार बनानी है, तो फिर चुनाव कराने का नाटक क्यों? हर साल 3 करोड़ लोग बिहार से बाहर जाते हैं, ऐसे में उनके नाम क्यों नहीं जुड़ते? आयोग को बताना चाहिए कि उसने किन-किन दस्तावेजों के आधार पर नाम काटे हैं.

तेजस्वी का वीडियो भी हुआ वायरल

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो भी दिखाया जिसमें BLO के सत्यापन का जिक्र था. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है. लोग इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग से सफाई की मांग कर रहे हैं.

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02 August 2025, 02:49 PM IST

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