Operation Sindoor: भारत की ओर से बहुत स्पष्ट संदेश...ऑपरेशन सिंदूर पर बोले इजरायली राजदूत- इसने मेरे दिल को छू लिया
भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और निर्णायक कार्रवाई का परिचय दिया. यह मिशन न केवल घरेलू सुरक्षा का प्रतीक बना, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर इज़रायल, ने भी इसका समर्थन किया. इज़रायली महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने इसे आत्मरक्षा का जायज़ अधिकार बताया. इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा, बल्कि सक्रिय रणनीति के तहत कठोर कदम उठाएगा.

भारतीय सेना द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मजबूत संदेश दिया है. मुंबई में इज़रायल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने इस अभियान की खुलकर सराहना की और कहा कि इज़रायल, भारत के आत्मरक्षा के अधिकार में उसके साथ खड़ा है. कोब्बी शोशनी ने कहा, "भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है. इस ऑपरेशन ने आतंकवादियों को एक सख्त संदेश दिया है. यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि आतंक के खिलाफ एक नीतिगत निर्णय था."
कोब्बी शोशनी ने यह भी जोड़ा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में, चाहे वो एशिया हो या मध्य-पूर्व, आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने साफ कहा कि "आतंकवादी संगठनों को यह समझ लेना चाहिए कि उनके कृत्यों का जवाब अब चुप्पी से नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई से मिलेगा."
ऑपरेशन सिंदूर ने दिल को छू लिया
शोशनी ने ऑपरेशन के नाम ‘सिंदूर’ पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि "इस नाम ने मेरे दिल को छू लिया. यह नाम न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है बल्कि उसमें एक गहराई और प्रेरणा भी है. यह एक प्रभावशाली प्रतीक है, जो भारत की आत्मा को दर्शाता है."
हम अपनी मातृभूमि पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे
इज़रायली महावाणिज्यदूत ने यह भी कहा कि भारत ने यह संदेश दुनिया को दिया है कि वह अपनी मातृभूमि के खिलाफ किसी भी आतंकी मंशा को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, "दुनिया को यह जानना जरूरी है कि भारत जैसे देश अब रक्षात्मक नहीं बल्कि सक्रिय सुरक्षा नीति पर काम कर रहे हैं."
भारतीय वायुसेना और सेना की संयुक्त कार्रवाई
नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि, "इस ऑपरेशन का उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना था. हमने नौ आतंकी ठिकानों को सटीकता से नष्ट किया, और हर लक्ष्य को इस तरह से चुना गया जिससे आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
पहलगाम में बर्बर हमला
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस प्रेस वार्ता में बताया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का उद्देश्य कश्मीर में सामान्य स्थिति को बाधित करना था. उन्होंने बताया कि, "इस हमले को बर्बरता की सारी सीमाएं लांघते हुए अंजाम दिया गया. पीड़ितों को बेहद नजदीक से गोली मारी गई, और कई मामलों में परिवार के सामने हत्याएं की गईं. यह सब इसलिए किया गया ताकि डर और अस्थिरता फैलाई जा सके."
स्पष्ट संदेश और भविष्य की दिशा
भारत ने इस सैन्य कार्रवाई से साफ कर दिया है कि अब आतंक के खिलाफ उसकी नीति सिर्फ प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय और अग्रसक्रिय है. ऑपरेशन सिंदूर एक स्पष्ट चेतावनी है कि किसी भी आतंकी संगठन को भारत की शांति और संप्रभुता से खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


