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पराजय की निराशा से बाहर निकले विपक्ष...शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले PM मोदी ने विपक्ष पर कसा तंज, कहा- यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी हो

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है और 19 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान सरकार 14 महत्वपूर्ण बिल पास कराने की तैयारी में है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र खोलना शामिल है. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से पराजय की निराशा न लाने और सकारात्मक बहस करने की अपील की.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है और यह 19 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र के दौरान दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – में 15-15 बैठकें आयोजित की जाएंगी. सरकार का लक्ष्य इस छोटे सत्र में 14 महत्वपूर्ण बिलों को पारित कराना है, जिसमें प्रमुख रूप से प्राइवेट सेक्टर के लिए असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र खोलने का बिल शामिल है. इसके अलावा दिवाला कानून, बीमा कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा, जीएसटी संशोधन और उच्च शिक्षा आयोग से संबंधित विधेयक भी इस सत्र में पेश किए जाएंगे.

पराजय और विजय से ऊपर रहकर बहस करें
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद का उद्देश्य केवल नारेबाजी या राजनीतिक ड्रामा नहीं होना चाहिए. उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे पराजय की निराशा को सदन में न लाएं और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ मुद्दों पर चर्चा करें. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि सत्र में नई पीढ़ी के सांसद अनुभव सीखें और नीति निर्धारण पर केंद्रित रहें. उनका कहना था कि सदन में राष्ट्रनीति और देशहित के लिए बहस करनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत या दलगत अहंकार के लिए.

विपक्ष की रणनीति: SIR और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस
वहीं विपक्ष ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा, दिल्ली एनसीआर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर बहस करने की तैयारी की है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, DMK और अन्य विपक्षी दल इस सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं. राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि एसआईआर के नाम पर पिछड़े और वंचित वर्ग के वोटरों को हाशिए पर रखा जा रहा है. विपक्ष का मानना है कि यह मुद्दा लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनावी निष्पक्षता के लिए गंभीर है.

विधायी कार्यवाही पर केंद्र का फोकस
सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य लक्ष्य 14 विधेयकों को समय पर पारित कराना है. इसके लिए मंत्री और अधिकारी सदन की कार्यवाही सुचारु बनाए रखने और विपक्ष के सुझावों को भी सुनने के लिए तैयार हैं. संसद के शीतकालीन सत्र को उत्पादक बनाने के लिए नियमों और परंपराओं का पालन आवश्यक है, और इसका असर देश की नीति, आर्थिक सुधार और ऊर्जा क्षेत्र के विकास पर पड़ेगा.

इस प्रकार, संसद का यह सत्र दोनों पक्षों के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है. जहां सरकार अपनी सुधारात्मक और विकासकारी योजनाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं विपक्ष कुछ संवेदनशील मुद्दों पर बहस कर सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेगा. इस सत्र का असर देश की नीति, लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नागरिकों की जिंदगी पर सीधे महसूस किया जाएगा.

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01 December 2025, 11:09 AM IST

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