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पाकिस्तान की नई साजिश बेनकाब! ऑपरेशन सिंदूर के बाद कश्मीर घाटी में बढ़ी आतंकी हलचल

सुरक्षा बलों के ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंक का खात्मा तेजी से हो रहा है. 2024 में अब तक 61 आतंकवादी ढेर हो चुके हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 60 थी. यानी हर साल आतंकियों की गिनती कम होती जा रही है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हालात एक बार फिर चिंताजनक होते दिख रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के कई आतंकी ग्रुप सर्दियां शुरू होने से पहले बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियां तेज कर सकते हैं. एजेंसियों को मिले ताजा इनपुट्स के अनुसार आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए ‘मूविंग व्हीकल IED’ का इस्तेमाल कर दिल्ली जैसी सुसाइड बम वारदातों को अंजाम देने की योजना बना सकते हैं.

यह चेतावनी उस समय आई है जब कश्मीर में सुरक्षा अभियानों की सफलता के बावजूद सक्रिय विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़कर 131 तक पहुंच गई है. इसमें 122 आतंकी पाकिस्तान मूल के बताए जा रहे हैं, जबकि महज 9 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैं.

POK कैंप तबाह और आतंकियों की संख्या

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, POK और पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर कार्रवाई के बाद यह उम्मीद थी कि कश्मीर में आतंकियों की संख्या घटेगी लेकिन पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हालात उलट गए. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में 131 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें स्थानीय आतंकियों की संख्या सिर्फ नौ है, जिनमें से कश्मीर घाटी में मात्र तीन बचे हैं. अधिकतर स्थानीय आतंकी चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र में सक्रिय हैं.

पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकी

खुफिया रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2025 के अंत तक जम्मू-कश्मीर में केवल 59 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय थे. इनमें 21 जैश-ए-मोहम्मद, 21 लश्कर-ए-तैयबा, 3 हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और 14 दूसरे ग्रुपों के आतंकी शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार एंटी-टेरर ऑपरेशंस और ज़ीरो टेरर पॉलिसी के कारण स्थानीय भर्ती पूरी तरह रुक चुकी थी, लेकिन पाकिस्तान समर्थित और उनके प्रॉक्सी ग्रुप TRF व PAFF सीमापार से फाइटरों की घुसपैठ कराने में सफल रहे.

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमने कश्मीर घाटी में टेरर OGW नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर दिया है और सभी लोकल टेररिस्ट को खत्म कर दिया है, लेकिन अब यह खाली जगह नए अनजान रिक्रूटमेंट से भर गई है, जो अब तक हमारे रडार पर नहीं थी. कई कोऑर्डिनेटेड रेड और अरेस्ट के बावजूद विदेशी टेररिस्ट की बड़ी मौजूदगी और उनके OGWs का नया सिस्टम अभी भी हमारे लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है.

2024 और 2023 में  ढेर हुए आतंकी 

सुरक्षा बलों के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 61 और 2023 में 60 आतंकी मारे गए. 45 आतंकी J&K के अंदर ऑपरेशंस में मारे गए और 16 LoC पर घुसपैठ की कोशिशों के दौरान ढेर हुए. मारे गए आतंकियों में 21 पाकिस्तानी नागरिक थे

उसी दौरान 28 आम नागरिक और 16 सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हुए. सुरक्षा बलों के प्रभावी ऑपरेशंस से स्थानीय स्तर पर आतंक के लिए सपोर्ट कम हुआ था, जिसे बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल के खुलासे और लाल किला कार बम धमाके ने हालात को फिर गंभीर बना दिया है.

कितना बड़ा है नया ‘व्हाइट कॉलर’ जैश मॉड्यूल?

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन तेज करते हुए 12 टॉप आतंकियों को ढेर किया जिमसे 6 पाकिस्तानी और 6 स्थानीय. लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि अब कश्मीर एक नए तरह के आतंकी नेटवर्क का सामना कर रहा है, जो आम लोगों में घुल-मिलकर सिस्टम में गहरी पैठ बना रहा है.

दिल्ली ब्लास्ट के बाद J&K, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में फैले इस नए नेटवर्क पर हुई कार्रवाई से कुछ सफलता मिली है, लेकिन एजेंसियों को अब भी यह नहीं पता कि यह नया व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल कितना बड़ा है और इसका नेटवर्क कितनी दूर तक फैला हुआ है.

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22 November 2025, 09:14 AM IST

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