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सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की गुहार, भारत से सिंधु जल समझौता बहाल करने की मांग

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा, "आतंकवाद और बातचीत, आतंकवाद और व्यापार, और खून-पानी एक साथ नहीं बह सकते." भारत का रुख साफ है. बावजूद इसके, पाकिस्तान को अब भी उम्मीद है कि भारत नरमी बरतेगा और सिंधु जल समझौते को फिर से बहाल करेगा.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के बाद अब सीमा पर शांति है और दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है. लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई सख्त कदम उठाए, जिनमें सबसे बड़ा कदम सिंधु जल समझौते को स्थगित करना था.

पहली बार भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला किया है. इस फैसले से पाकिस्तान में मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि गर्मी के मौसम में पानी की मांग बहुत बढ़ जाती है.

सिंधु जल समझौते पर भारत का सख्त फैसला

भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के साथ तनाव से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को सिंधु जल संधि को फिर से पहले जैसी स्थिति में लाना चाहिए.

पाकिस्तान की अपील: सिंधु जल संधि बहाल की जाए

वित्त मंत्री औरंगजेब ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि भारत सिंधु जल समझौते को बहाल करेगा. अभी इसका कोई तुरंत असर नहीं है, लेकिन हम नहीं चाहते कि ऐसा कोई हालात बने जहां इस समझौते की बहाली न हो.”

भारत का जवाब: खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते

भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में साफ कहा कि, "आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते. आतंकवाद और व्यापार भी एक साथ नहीं हो सकते, और वैसे ही खून और पानी भी एक साथ नहीं बह सकते.”

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि, “अगर पाकिस्तान को बचना है, तो उसे अपने आतंकवादी ढांचे को खत्म करना होगा. वरना आतंकवाद ही एक दिन उसे तबाह कर देगा.”

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13 May 2025, 08:02 AM IST

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