48 घंटे में पाकिस्तान घुटनों पर, चीन और तुर्की की तकनीक हुई फेल
पाकिस्तान ने चीन और तुर्की से खरीदे गए हथियारों से 48 घंटे में भारत पर हमला करने की कोशिश की, जो पूरी तरह नाकाम रही. भारत के अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम कर दिया. भारत के जवाबी हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बेनकाब कर दिया.

भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव में महज 48 घंटे में ही पाकिस्तान युद्ध के मुहाने तक पहुंच गया था. लेकिन युद्धविराम ने उसे पूरी तरह तबाह होने से बचा लिया. पाकिस्तान ने चीन और तुर्किए से मिले हथियारों के दम पर भारत में तबाही मचाने की योजना बनाई थी, लेकिन उसकी सारी तैयारी धराशायी हो गई. जिन हथियारों को पाकिस्तान अपनी ताकत समझ रहा था, वे वक्त पड़ने पर फुस्स साबित हुए.
भारत पर पाकिस्तान के अधिकतर हमले विफल रहे. इसके उलट भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस पर जबरदस्त हमला किया. भारतीय हमलों की गूंज न केवल पाकिस्तान, बल्कि तुर्किए और चीन तक भी पहुंची, क्योंकि उन्हीं के बनाए हथियारों की असलियत अब दुनिया के सामने आ चुकी थी.
भारत ने 48 घंटे में बदली तस्वीर
पाकिस्तान के तुर्की से लिए गए एसिसगार्ड सोंगर ड्रोन भारत में तबाही मचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भारत की सीमा सुरक्षा और एयर डिफेंस सिस्टम – खासकर S-400 और आकाश – ने उन्हें बॉर्डर पार करने से पहले ही मार गिराया. दूसरी ओर जब भारत ने जवाबी हमले किए, तो पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों की रक्षा में लगे चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 भी नाकाम रहा.
पाकिस्तान को शांति के लिए मजबूर किया
भारत के जवाबी हमलों ने पाकिस्तान के कराची, लाहौर, बहावलपुर समेत आठ एयरबेस को निशाना बनाया. पाक सेना में खलबली मच गई, और देश की राजनीतिक व सैन्य नेतृत्व – शहबाज शरीफ और जनरल मुनीर – घबरा गए. चीन और तुर्किए से मिले 'किराए के हथियार' भारत की सैन्य ताकत के सामने टिक नहीं पाए.
भारत ने दिखाया असली दम
दरअसल, तुर्किए के ड्रोन की ऑपरेशनल रेंज और पेलोड सीमित थी, और चीन का HQ-9 डिफेंस सिस्टम भी भारतीय मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने में विफल रहा. भारत की तरफ से किए गए जवाबी हमलों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला खड़ा किया. अगर भारत ने अपनी पूरी सैन्य ताकत का इस्तेमाल किया होता, तो पाकिस्तान का विनाश तय था. इस संघर्ष ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य तैयारी की पोल खोली, बल्कि चीन और तुर्किए के हथियारों की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए. पाकिस्तान अब पूरी तरह बैकफुट पर है और भारत की शर्तों पर ही आगे बढ़ने को मजबूर है.


